नई दिल्ली । विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) लगातार भारतीय शेयर बाजारों (Indian stock exchanges) से पैसा निकाल रहे हैं. इससे घरेलू शेयर मार्केट में गिरावट का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. किसी दिन अगर बाजार में खरीदारी नजर आती भी है तो फिर अगले कई दिन बिकवाली के बाद बाजार पहले से और नीचे चला जाता है. एफपीआई 2022 में अभी तक घरेलू शेयर मार्केट से शुद्ध रूप से 1.81 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब एफपीआई की बिकवाली रुकेगी और बाजार संभलेगा. कुछ जानकारों का मानना है कि इसे लेकर कुछ सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं. बात दें कि जून में भी एफपीआई की बिकवाली जारी है.
कब-कब कितनी बिकवाली
एनएसडीएल पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, जून में एफपीआई अभी तक शुद्ध रूप से 13,888 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं. इससे पहले 2 महीनों यानी अप्रैल और मई में एफपीआई ने बाजार से क्रमश: 39,993 करोड़ और 17,144 करोड़ रुपये निकाले थे. 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था. इसके बाद मार्च में एफपीआई ने भारतीय बाजार से बड़ी मात्रा में पैसा निकाल लिया था. मार्च में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 41,243 करोड़ रुपये की निकासी की थी. इसके बाद विश्व भर में कई चीजों के दाम बढ़े व सप्लाई चेन में बाधाएं आई और नतीजतन वैश्विक बाजार पूरी तरह से दबाव में दिखने लगे. भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा.
रूस-यूक्रेन से पहले भी स्थिति थी खराब
ऐसा नहीं है कि ये बिकवाली रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ही आरंभ हुई. दरअसल, जनवरी में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 33,303 करोड़ रुपये और फरवरी में 35,592 करोड़ रुपये निकासी की थी. इस तरह एफपीआई अब 1,81,043 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं. इस बिकवाली ने बाजार की कमर तोड़ दी है. बीएसई का सेंसेक्स और एनएसई का निफ्टी इस साल 8 फीसदी से अधिक गिर चुके हैं.
कब रुकेगी बिकवाली?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर बढ़ाने जाने की उम्मीद के चलते यह बिकवाली बढ़ी है. वह कहते हैं अगर फेड की मौजूदा और भविष्य की नीति बाजार की उम्मीदों के मुताबिक रहती है तो यह बिकवाली रुक सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस बिकवाली के रुकने के कोई आसार नहीं है और घरेलू बाजार पर वैश्विक हलचल का असर देखने को मिलता रहेगा.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved