इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 15 अगस्त को घोषणा की है कि भूमाफियाओं, बाहुबलियों से मुक्त कराई जमीनों पर गरीबों के लिए सुराज कालोनियां प्रदेशभर में विकसित की जाएगी। इंदौर में भी प्रशासन ने विगत दो वर्षों में सैंकड़ों करोड़ की बेशकीमती जमीनें चर्चित भूमाफियाओं से लेकर रसूखदारों के चंगुल से मुक्त कराई है। वहीं सरकारी जमीनों से भी अतिक्रमण हटवाए। गत वर्ष लिम्बोदी में शिवधाम कॉलोनी के पास की लगभग 4 एकड़ जमीन का भी कब्जा हटवाया था और निगम से चार मकान भी तुड़वाए और तेजाजी नगर थाने पर एफआईआर भी दर्ज करवाई। अब इस बेशकीमती जमीन को बेचकर कैलोदहाला में गरीबों के मकान सुराज कालोनी में बनवाए जाएंगे। प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के मद्देनजर प्रदेश के मुख्य सचिव इकबालसिंह बैस ने सभी संभागों के कमिश्नर, जिलों के कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की और भूमाफिया और अतिक्रामकों से मुक्त कराई जमीनों पर आवासहीनों के लिए मकानों की व्यवस्था करने और सुराज कालोनियों को विकसित करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त कार्यालय से डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर कार्यालय से कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री बैस ने निर्देश दिए कि सूराज कालोनियों को विकसित करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की जाए और जमीनों का चयन किया जाए।
अलॉटमेंट की प्रक्रिया, हितग्राहियों का चयन, पात्रता का निर्धारण की रूप रेखा भी तैयार की जाए और एजेंसी निर्धारण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। आवश्यकता के अनुसार जमीनों का मॉनिटाइज यानी विक्रय भी किया जा सकता है और इससे अन्य स्थान पर जमीन खरीदकर सूराज कालोनी विकसित की जा सकती है। कलेक्टर मनीष सिंह ने मुख्य सचिव को इंदौर में की जा रही तैयारियों की जानकारी दी और उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक रूप से अभी तीन स्थानों लिम्बोदी, कैलोदहाला और भिचौली हब्सी में सुराज कालोनी विकसित की जाने की संभावनाएं तलाशी जा रही है। प्रशासन ने गत वर्ष नजूल की हाउसिंग फॉर ऑल के लिए आबंटित जमीन को निगम की सहायता से मुक्त करवाया था और यहां बने चार पक्के मकानों पर भी बुलडोजर चलवाए और कलेक्टर के निर्देश पर तेजाजी नगर थाने में सर्वे नम्बर 191 और 192 की 1.831 हैक्टेयर यानी चार एकड़ जमीन का कब्जा भी लिया और उसे निगम के सुपुर्द किया गया। शिवधाम कालोनी के पास नाले किनारे की इस जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले अश्विन अग्रवाल, सिकंदर काला और सत्येन्द्र मीणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
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