भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) के बिना संभव नहीं हो सकता। लोकल उत्पाद की पहचान कारीगरों पर ही निर्भर है। भोपाल हुनरमंदों की कद्र जानता है। हुनर हाट (Hunar Haat) में आए देश के 31 राज्यों के कारीगरों को भोपाल की जनता से भरपूर सराहना मिलेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने भोपालवासियों से अपील की कि वे शहर में आए कलाकारों के हुनर को जरूर देखें। मुख्यमंत्री चौहान लाल परेड मैदान में हुनर हाट (Hunar Haat) का शुभारंभ कर रहे थे। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित क्राफ्ट, कुज़ीन और कल्चर के संगम हुनर हाट (Hunar Haat) में 31 राज्यों के कलाकार और हस्तशिल्पी अपने उत्पाद लेकर आये हैं। हाट में कुल 250 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 210 विभिन्न उत्पादों के और 40 स्टॉल खान-पान के हैं। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के 15 शिल्पी भी हुनर हाट (Hunar Haat) में भाग ले रहे हैं।
हुनर हाट (Hunar Haat) से बनेंगे आत्म-निर्भर कारीगर और दस्तकार
चौहान ने कहा कि हुनर हाट (Hunar Haat) कारीगरों की कला के प्रकटीकरण और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने का सशक्त माध्यम है। ऐसे मंचों से ही आत्म-निर्भर कारीगर और आत्म-निर्भर दस्तकार बन सकेंगे। यह हाट देश की एकता, आपसी मेल-जोल और कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने का मौका भी देता है।
मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष लगे हुनर हाट
मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी से प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश के किसी एक शहर में हुनर हाट (Hunar Haat) लगाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प की भारत में समृद्ध परंपरा रही है। जब पश्चिम के देश कपड़ा निर्माण में आरंभिक अवस्था में थे, तब हमारे कारीगरों ने ढाका की मलमल बना कर अपने हुनर को स्थापित कर दिया था। कारीगरों ने कोरोना काल में भी समाज की बहुत मदद की है। मास्क और पीपीई किट (PPE Kit) की आपूर्ति में इनका योगदान महत्वपूर्ण रहा।
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