भोपाल। 73 वें आलिमी तब्लिीगी इज्तिमा का सोमवार को अमनो-अमान की दुआ के साथ समापन हुआ। इसी के साथ भोपाल के युवाओं ने नजीर पेश की है। इस इज्तिमा में करीब दस लाख लोगों ने शिरकत की थी। बावजूद इकसे शहर की सड़कों पर यातायात व्यवस्थित रहा। इज्तिमा गाह के आस पास बनी पार्किंग भी व्यवस्थित रहीं। तमाम जिम्मेदारियों को युवाओं ने अपने हाथ लिया था। ट्रैफिक व्यवस्था की कमान युवाओं के हाथ थी। इसी के साथ इज्तिमा में शिरकत करने आने वाले जमातियों को काजीकैंप से लांबा खेड़ा तक बने सैकड़ो खिदमत कैंपो में नाश्ते के इंतेजामात किए गए थे। इसमें सर्दी से बचाने के लिए अंडे और चाय का इंतजाम था। सैकड़ो लोगों ने खिदमत के जज़्बे से जमातियों को इज्तिमागाह तक पहुंचाने के लिए निशुल्क वाहनों का इंतजाम किया था। एक अनुमान के मुताबिक शुक्रवार से सोमवार तक भोपाल में इज्तिमाई भीड़ को करीब पांच लाख अंडे और हजारों लीटर चाय फ्री बांटी है। हालांकि लांबाखेड़ा के बाद अंडे बांटने की अनुमति नहीं थी। इज्तिमागाह में इस बात नॉनवेज पूरी तरह से प्रतिबंधित था।
कोशिश सबको राहत की
चार दिन के इज्तिमा के दौरान प्रबंधन, वालेंटीयर्स और सरकारी विभागों के अलावा आसपास के रहवासियों और शहर की सामाजिक संस्थाओं ने भी जमातियो को सहूलियत के लिए कई काम किए। इनमें रास्ते में पानी, चाय, नाश्ते के फ्र ी इंतजाम से लेकर लोगों को इज्तिमागाह तक फ्र ी आवाजाही के साधन मुहैया कराने वाले भी शामिल थे। एक स्थानीय मैकेनिक ने इज्तिमागाह के रास्ते में खराब होने वाले वाहनों के मुफ्त रिपेयरिंग का ऐलान कर इसकी सूचना सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाई। सर्दी से बचाव के साधन साथ न ला पाने वाले लोगों को मुफ्त कंबल वितरित करने के काम भी इज्तिमा अवधि में किए गए थे।
दिखी गंगा-जमुनी तहजीब
दुआ के बाद घरों के लिए रवाना हुए लोगों को रास्ते की परेशानियों से बचाने के लिए इस्लाम नगर, सेमरा सैयद, गोलखेडी, लाम्बाखेडा आदि ग्रामों के बाशिंदों ने व्यवस्थाएं की थी। पीने के पानी, चाय आदि के अलावा ये जमातियो को व्यवस्थित यातायात के इंतजाम भी संभाल रहे थे। गौरतलब है कि इन ग्रामीणों में अधिकांश हिन्दू समुदाय के लोग हैं। आखिरी दिन की व्यवस्थाओं के अलावा हिन्दू समाज के लोगों ने इज्तिमा की पार्किंग के लिए भी अपने खेतों में जगह उपलब्ध कराई हैं। इसके अलावा इज्तिमागाह पर तैयार किए गए अस्थाई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को तैयार करने के लिए बिछाई गई लाइन के लिए भी कई हिंदू भाइयों ने अपने खेतों से पाइप लाइन गुजारने की जगह दी है।
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