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    MP में भी पेचीदा है CM का चयन, अटकलों के बीच बड़े नेताओं में बढ़ी कुर्सी के लिए रस्साकशी

  • December 10, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नए मुख्यमंत्री का सस्पेंस (Suspense new Chief Minister) अगले 48 घंटो तक बना रहेगा. सोमवार (11 दिसंबर) को पर्यवेक्षकों की मौजूदगी (presence of observers) में बीजेपी विधायक दल की बैठक (BJP legislature party meeting) के बाद ही नए सीएम का ऐलान होगा. इस बीच राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में भी सीएम की कुर्सी का मसला पेचीदा हो गया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एक अनार सौ बीमार की तर्ज पर पार्टी के भीतर किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है।

    मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए मची रस्साकशी के बीच मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रभारी मुरलीधर राव (Madhya Pradesh BJP in-charge Muralidhar Rao) ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को दावा किया कि अगले दो दिनों में तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का खुलासा हो जाएगा. राव ने कहा कि पार्टी ने तीन राज्यों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं. पर्यवेक्षक संबंधित राज्यों का दौरा करेंगे और पार्टी दो दिनों के भीतर उन तीन राज्यों के लिए अपने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करेगी।


    ‘सीएम शिवराज मिशन 29 में जुटे’
    अब मध्य प्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री के सवाल पर आते हैं? मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता कहते है कि,”शिवराज सिंह चौहान उस पहलवान की तरह है, जो आखिरी दम तक जमीन नहीं छोड़ता है. राज्य के सभी बड़े नेता जब चुनाव जीतने के बाद दिल्ली दौड़ लगा रहे थे तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकसभा के ‘मिशन 29’ पर जुट गए. बहुत संभावना है कि शिवराज के आसानी से मैदान न छोड़ने की कारण ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को नए सीएम का ऐलान करने में पसीना आ रहा है।

    सीएम के लिए शिवराज सिंह के नाम का विरोध
    बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान का रिप्लेसमेंट चाहती है. कहा तो यह भी जा रहा है कि चुनाव के पहले ही शिवराज सिंह चौहान को इसके संकेत दे दिए गए थे. एक राष्ट्रीय महासचिव सहित 7 सांसदों (जिसमें तीन केंद्रीय मंत्री शामिल थे) को चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी के केंद्रीय नेता की इसी रणनीति का हिस्सा था. लाडली बहना योजना की बंपर सफलता और बड़ा ओबीसी चेहरा होने के कारण बीजेपी आलाकमान को चुनाव बाद अब शिवराज सिंह चौहान की जगह किसी और को सीएम की कुर्सी देने से नफा-नुकसान का अनुमान लगाना पड़ रहा है. इसके साथ ही विधानसभा का चुनाव जीते एक दिग्गज नेता ने सीधे-सीधे शिवराज सिंह चौहान के नाम का विरोध कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस नेता ने पार्टी आलाकमान से दो-टूक कह दिया है कि शिवराज की जगह किसी को भी सीएम बना दें, उन्हें ऐतराज नहीं है।

    प्रहलाद पटेल ने की सीएम शिवराज से मुलाकात
    हालांकि, शिवराज सिंह चौहान की जगह मुख्यमंत्री के लिए सबसे ज्यादा चर्चा प्रहलाद सिंह पटेल के नाम की है. नरसिंहपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए प्रहलाद सिंह पटेल भी मध्य प्रदेश का बड़ा ओबीसी चेहरा है. राज्य की ओबीसी पॉलिटिक्स में शिवराज सिंह चौहान की तरह प्रहलाद सिंह पटेल भी पूरी तरह फिट बैठते हैं. शुक्रवार (9 दिसंबर) को प्रहलाद पटेल की गुलदस्ता लेकर शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की फोटो भी बहुत कुछ संकेत दे रही है. लेकिन, बड़े नेताओं के झगड़े के चलते महाकौशल इलाके से आने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी ‘डार्क हॉर्स’ साबित हो सकते है. इसी तरह नरेन्द्र सिंह तोमर की लॉटरी भी खुल सकती है. मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और नरेन्द्र सिंह तोमर के बीच आपसी सहमति बनी है कि अलाकमान उनमें से किसी का भी नाम आगे बढ़ाएगा, तो बाकी दो ऐतराज नहीं करेंगे।

    कौन होगा एमपी सीएम?
    वैसे तो मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह सिंह चौहान के अलावा कई नाम मध्य प्रदेश की राजनीतिक फिजा में घूम रहे हैं, लेकिन बड़ा चेहरा कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विष्णु दत्त शर्मा और राकेश सिंह ही हैं. इसके बावजूद भी बीजेपी अपनी चिर-परिचित शैली में कोई नया नाम देकर सबको चौंका सकती है. अब से बस कुछ घंटे के इंतजार के बाद उस नाम का खुलासा हो जाएगा जिसके सिर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का ताज होगा।

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