इंदौर। भारत सरकार (Indian goverment) ने आगामी 25 वर्षों में ऊर्जा के क्षेत्र से पानी और कोयले पूरी तरह हटाने की योजना पर कार्य किया है। इसी के निमित्त 25 से 30 जुलाई (july) तक देश के 700 जिलों में उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य कार्यक्रम का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव (amrit mahotshav) के तहत किया जा रहा है। इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार और प्रदेश प्रमुख ऊर्जा सचिव संजय दुबे से भी इंदौर कलेक्टर को निर्देश प्राप्त हो गए हैं।
कार्यक्रम के तहत इंदौर (indore) सहित देश के चुनिंदा 100 जिलों में बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों में आगामी 25 वर्षों में परंपरागत ऊर्जा के साधनों में पानी और कोयले के बजाय सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा आदि के क्षेत्र में युद्ध स्तर पर कार्य किया जाना है। इन्हीं बातों को लेकर और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे सौभाग्य, ग्राम ज्योति योजना, आईपीडीएस आदि के माध्यम से कार्यों को भी बताया जाएगा। इस आयोजन में पावर फाइनेंस कारपोरेशन, नेशनल हाइड्रो कारपोरेशन एनएचडीसी, एनटीपीसी आदि इलेक्ट्रिकल संस्थाएं और विभिन्न राज्यों के बिजली बोर्ड, बिजली कंपनियां शामिल होंगी। इंदौर जिले का ग्रामीण क्षेत्र में कार्यक्रम 28 जुलाई को सांवेर में होगा। इसके अतिथि जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट होंगे।
नगरीय क्षेत्र का कार्यक्रम छह दिवसीय श्रृंखला के समापन पर 30 जुलाई को जाल सभागृह में आयोजित होगा मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी, विशेष अतिथि विधायकगण एवं जनप्रतिनिधि होंगे। 30 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से आयोजन को मुख्य अतिथि के रूप में सभी 700 जिलों में संबोधित करेंगे।
3 सालों में सौर ऊर्जा से दोगुनी होगी रोशनी
मध्य प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। प्रदेश की अधिकतम मांग 16000 मेगावाट रबी सीजन के दौरान होती है। वर्तमान में 4000 से 5000 मेगावाट बिजली प्रदेश की धरती पर सौर ऊर्जा से पैदा हो रही है, जो कि कुल खपत का 30 फ़ीसदी हिस्सा माना जाता है। आगामी तीन वर्ष में सौर ऊर्जा से 8000 से 9000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने के लिए कार्य हो रहा है।
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