भोपाल। सीहोर जिले के ग्राम चितावलिया स्थित कुबरेश्वर धाम में कथा रोकने के मामले में सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच यह तथ्य सामने आया है कि जिला प्रशासन ने आयोजकों को रोाजना 60 हजार श्रद्धालुओं की भीड़ जुटाने की अनुमति दी गई थी। एसडीएम बृजेश सक्सेना ने कथा स्थल पर बाकायदा दो अफसरों की ड्यूटी लगाई थी। हालांकि व्यवस्था बिगडऩे पर जब जिला प्रशासन पर कथा को बीच मेंं रुकवाने के आरोपों पर जब सरकार की घेराबंदी शुरू हुई। तब बचाव में अफसरों ने सरकार को बताया कि श्री विट्ठलेश सेवा समिति ने ऑनलाइन कथा की अनुमति मांगी थी।
सीहोर जिला प्रशासन के अफसरों पर जब सरकार की नजरें टेढ़ी हुईं,तब आला अफसरों ने श्री विट्ठलेश सेवा समिति द्वारा 7 फरवरी को एसडीएम सीहोर को ऑनलाइन कथा से संबंधित जो आवेदन दिया था, उसी को सीहोर जिला प्रशासन के अफसरों को बचाने के लिए ढाल बनाया गया। हालांकि इसी बीच सीहोर एसडीएम बृजेश सक्सेना का 22 फरवरी का वह आदेश भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने श्री विट्ठलेश सेवा समिति द्वारा पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में 28 फरवरी से 6 मार्च तक आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव एवं शिव महापुराण कथा में रोजाना 50 से 60 हजार श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने की संभावना व्यक्त की थी। एसडीएम ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो नायब तहसीलदार शैफाली जैन एवं अमित सिंह की आयोजन स्थल पर ड्यूटी लगाई थी। हालांकि 28 फरवरी को जब लाखों की भीड़ उमड़ी और इंदौर-भोपाल हाईवे जाम हो गया और व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ी तब पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यासपीठ पर रोते हुए कथा रोकने और ऑनलाइन कथा करने का ऐलान किया था। इसके बाद सीहोर जिला प्रशासन राजनेताओं के निशाने पर आ गया। सीहोर की कथा को लेकर जमकर सियासत हो रही है।
कलेक्टर-एसपी ने टेका मत्था
व्यवस्था बिगडऩे के दो दिन बाद सीहोर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर एवं एसपी मयंक अवस्थी ने कथा स्थल पर मत्था टेका। साथ ही कथा सुनी। भोपाल से गए वरिष्ठ अफसरों ने भी कथा स्थल का जायजा लिया। कांगे्रस विधायक दल एवं अफसरों ने कथावाचक से भी मुलाकात की। पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने भी पंडित मिश्रा से बात की। फिलहाल स्थिति सामान्य है और कथा जारी है।
आयोजकों को नहीं थी भीड़ जुटने की उम्मीद
पंडित प्रदीप मिश्रा लॉकडाउन में ऑनलाइन कथाओं के माध्यम से ज्यादा फेमस हो गए हैं। सोशल मीडिया पर कथा के वीडियो के जरिए ही उनके अनुयायी बढ़ते गए। लॉकडाउन के बाद जब उन्होंने पहली बार बड़ा आयेाजन कराया तो लाखों की संख्या में उनके अनुयायी उमड़ पड़े। उन्हें खुद इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी।
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