• img-fluid

    सीमा को पाकिस्तान वापस भेजा गया तो उसके साथ वहां क्या होगा? जानिए क्या कहता है कानून

  • July 21, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । पाकिस्तान (Pakistan) से आई सीमा हैदर (Seema Haider) से यूपी एटीएस (UP ATS) पूछताछ कर चुकी है. एटीएस ने सीमा, सचिन और सचिन (Sachin and Sachin) के पिता से घंटों तमाम सवाल किए. भारत में अवैध रूप से घुसपैठ को लेकर इंटेलिजेंस (intelligence) ने भी इनपुट दिया. अब सवाल है कि अगर सीमा को पाकिस्तान की इकरा की तरह वापस भेजा गया तो सीमा के साथ वहां क्या होगा? भारत के अलावा पाकिस्तान से सीमा हैदर के नाम धमकियां आ चुकी हैं. सीमा ने खुद भी कहा है कि अगर मुझे पाकिस्तान भेजा गया तो वहां हत्या कर दी जाएगी.

    सीमा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा था कि मुझे यहां रहने दिया जाए. सीमा हैदर बार-बार यह बोल रही है कि वो अपने प्यार के लिए भारत आई है, उसे जब वीजा नहीं मिला तो ये रास्ता अपनाना पड़ा. बता दें कि सीमा हैदर और नोएडा का रहने वाला सचिन मीणा दोनों पबजी गेम खेलते थे. साल 2019 में गेम खेलते-खेलते दोनों ने नंबर एक्सचेंज किया और बातचीत होने लगी.


    ये सिलसिला इस कदर आगे बढ़ा कि दोनों एक-दूसरे को चाहने लगे और साथ रहने का प्लान बना लिया. सीमा और सचिन ने मिलने की तैयारी की. तीन साल तक चली बातचीत के बाद दोनों ने नेपाल में मिले और एक होटल में सात दिन गुजारे. दोनों वहां घूसे. सीमा और सचिन का दावा है कि वहां दोनों ने शादी कर ली.

    इसके बाद सीमा अपने चार बच्चों को लेकर अवैध रूप से नोएडा पहुंच गई. करीब 15 दिन बाद जब यह केस सामने आया तो सनसनी फैल गई. सीमा पर जासूस होने का शक गहरा गया. पुलिस ने सीमा को अरेस्ट कर लिया. इसके बाद उसे कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया. सीमा से जब मीडिया ने बात की तो उसने हर बार यही कहा कि वो सचिन के साथ रहना चाहती है, सचिन से प्यार करती है. अब वो हिंदू हो गई है और उसके बच्चे सचिन को पापा बोलते हैं.

    सऊदी में रह रहे गुलाम हैदर ने वीडियो जारी कर की थी अपील
    वहीं सऊदी अरब में रह रहा सीमा हैदर के पति गुलाम हैदर ने भी वीडियो जारी कर अपील की कि सीमा और उसके बच्चों को मोदी सरकार वापस पाकिस्तान भिजवा दे, जबकि सीमा ने कहा कि गुलाम हैदर तीन साल पहले सऊदी चला गया था, तब से वापस नहीं आया और उसका गुलाम से तलाक हो चुका है.

    भारतीय कानून के अनुसार सीमा हैदर को ‘अवैध प्रवासी’ माना जाएगा, लेकिन वह धर्म परिवर्तन के बिना विशेष विवाह अधिनियम के तहत सचिन के साथ शादी कर सकती है.

    अवैध प्रवासियों को नहीं मिलती नागरिकता
    भारत में सीमा हैदर को ‘अवैध प्रवासी’ माना जाएगा. अवैध प्रवासी वह विदेशी होता है जो: (i) पासपोर्ट और वीज़ा जैसे वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करता है, या (ii) वैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करता है, लेकिन अनुमत समय अवधि से अधिक समय तक रहता है. अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलती. ऐसा करना प्रतिबंधित है.

    सीमा के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है?
    विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत अवैध प्रवासियों को कैद या निर्वासित किया जा सकता है. 1946 और 1920 अधिनियम केंद्र सरकार को भारत के भीतर विदेशियों के प्रवेश, निकास और निवास को विनियमित करने का अधिकार देते हैं. 2015 और 2016 में, केंद्र सरकार ने अवैध प्रवासियों के कुछ समूहों को 1946 और 1920 अधिनियमों के प्रावधानों से छूट देते हुए दो अधिसूचनाएं जारी कीं.

    ये समूह अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई हैं, जो 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत में आए थे. इसका अर्थ है कि ये अवैध प्रवासी समूह वैध दस्तावेजों के बिना भारत में होने के कारण न तो निर्वासित होंगे और न ही कैद होंगे. हालांकि, सीमा हैदर इनमें से किसी भी श्रेणी में नहीं आती है.

    इन शर्तों पर कोर्ट ने सीमा को दी थी जमानत
    – अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते
    – अगर उनके पते में कोई परिवर्तन हो, तो उसकी सूचना अदालत को देनी होगी
    – दो स्थानीय जमानतदार और 30,000 रुपये के दो निजी बांड जमा करने होंगे

    पाकिस्तान के डकैतों ने दी थी धमकी
    सीमा हैदर और नोएडा के सचिन की लवस्टोरी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में छाई हुई है. सीमा को लेकर पाकिस्तानी डकैट रानो शार ने धमकी दी थी कि अगर सीमा को वापस पाकिस्तान नहीं भेजा गया तो वो पाकिस्तान में मंदिरों पर हमले करेगा. इस धमकी के बाद पाकिस्तान में रविवार को मंदिर पर हमला हुआ.

    डकैत कर चुके हैं राकेट लॉन्चर से मंदिर पर हमला
    DAWN की रिपोर्ट के मुताबिक, डकैतों के एक गिरोह ने सिंध के काशमोर में एक मंदिर पर ‘रॉकेट लॉन्चर’ से अटैक किया. हमलावरों ने गौसपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में एक पूजा स्थल और आसपास के समुदाय के घरों पर अटैक किया. हमलावरों ने न सिर्फ मंदिर को निशाना बनाया, बल्कि अंधाधुंध गोलीबारी भी की. इस घटना को बाद काश्मोर-कंधकोट के एसएसपी इरफान सैम्मो के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी. बता दें कि सीमा भी पाकिस्तान के सिंध प्रांत की ही रहने वाली है.

    पाकिस्तान में सामने आती रहती हैं मॉब लिन्चिंग की घटनाएं
    दरअसल, पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं. इसी साल फरवरी में पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब जिले में एक शख्स को कुरान के अपमान के आरोप में भीड़ ने मार डाला. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुरान के अपमान के आरोप में लोगों ने एक शख्स को पकड़ लिया था और फिर पुलिस को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस के पहुंचते-पहुंचते बात फैल गई और भीड़ जमा हो गई. पुलिस के साथ भीड़ भी पुलिस थाने तक आई और आरोपी को थाने से खींचकर उसकी हत्या कर दी.

    पाकिस्तान में कई लोगों को ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. हाल ही में एक शख्स को ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई. शख्स पर वॉट्सएप के जरिए ईशनिंदा का आरोप लगा था. पाकिस्तान के एक जाने-माने शिक्षक जुनैद हफीज पर भी कई साल पहले ईशनिंदा का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई. पिछले कई साल से हफीज को जेल में रखा गया है.

    क्या है पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून?
    पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून लागू है. इस कानून को वहां कई चरणों में बनाया गया. समय के साथ इस कानून को और सख्त कर दिया गया. वैसे यह कानून ब्रिटिश शासन में बना था, लेकिन तब यह बेहद लचीला था. इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी धार्मिक स्थल या धार्मिक वस्तु को नुकसान पहुंचाता है, जो उसे सजा दी जाएगी. इसके तहत एक से 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान था.

    वर्ष 1980 में इस कानून में एक नई धारा जोड़ी गई, जिसके बाद कहा गया कि अगर कोई इस्लामी व्यक्ति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करता है तो उसे 3 साल की सजा हो सकती है. इसके बाद 1982 में इस कानून का फिर विस्तार किया गया और कहा गया कि अगर किसी व्यक्ति ने कुरान का अपमान किया तो उसे उम्रकैद होगी. वहीं साल 1986 में इस कानून को और सख्त बनाते हुए ईशनिंदा के लिए मौत या उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया.

    ईशनिंदा कानून को लेकर क्या है जानकारों की राय?
    डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज के फाउंडिंग डायरेक्टर प्रो. मुक्तदर खान ने कहा कि ईशनिंदा कानून गैर इस्लामिक है और कुरान में कहीं भी इसका जिक्र नहीं है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘इस कानून में इतनी सख्ती बरतते हैं कि अगर आदमी माफी भी मांग ले तो भी उसे मौत की सजा दी जाती है. इस गुनाह के लिए मौत की सजा है ही नहीं इस्लाम में. सजा-ए-मौत जो देते हैं, वो कहते हैं कि अगर आप इस तरह की हरकत करें तो आप गैर-मुस्लिम हो जाते हैं और गैर-मुस्लिम होने की सजा मौत है. कुरान में इसका कोई सबूत नहीं है.

    पाकिस्तान में कोई भी नेता या सेना प्रमुख नहीं चाहता इस कानून में संशोधन
    प्रो. मुक्तदर खान ने कहा कि पाकिस्तान में कोई भी नेता या सेना प्रमुख इस कानून में संशोधन करना नहीं चाहता, क्योंकि वो डरते हैं. पाकिस्तान ईशनिंदा कानून को लेकर इतनी सख्ती है कि परवेज मुशर्रफ भी इसके नियमों में ढील देने के सवाल पर डर गए थे.

    इस कानून को लेकर मुशर्रफ ने कहा था, ‘पाकिस्तान में दो चीजें ऐसी हैं, जिन्हें मैं भी हाथ नहीं लगा सकता. अगर मैं इनसे छेड़छाड़ करता हूं तो मैं खुद ही मर जाऊंगा. एक तो ईशनिंदा कानून और दूसरा कश्मीर का मसला. बाकी चीजों में सुधार के लिए आप हमसे कह सकते हैं, लेकिन इन दो चीजों पर नहीं.’

    Share:

    मणिपुर घटना के वीडियो को मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ने बताया अमानवीय, बोले- सिर्फ केंद्र ही दे सकता है हल

    Fri Jul 21 , 2023
    नई दिल्‍ली (New Delhi) । मणिपुर (Manipur) में दो महिलाओं (Woman) को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (video viral) होने के बाद देशभर में हंगामा मचा हुआ है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में उसने मणिपुर सरकार […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved