नई दिल्ली। फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना (Film Producer Ayesha Sultana)मामले की 17 जून को सुनवाई हुई थी जिसके बाद उनकी अग्रिम जमानत वाली याचिका पर मामला सुरक्षित रखा गया था। अब केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने आयशा सुल्ताना (Ayesha Sultana) को एक हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत (interim bail for one week) देने का फैसला कर लिया है। इस फैसले पर आयशा का कहना है कि वह इस मामले में पुलिस का पूर्ण रूप से सहयोग करेंगी। कोर्ट के निर्देशों के अनुसार उन्हें कल अदालत के सामने पेश होना होगा। आयशा आगे कहती हैं, ‘मुझे उम्मीद है कि इस बार मुझे न्याय मिलेगा। मैंने देश के खिलाफ ना कुछ बोला है और ना किया है। जब तक लक्षद्वीप को न्याय नहीं मिल जाता, मैं लड़ती रहूंगी।’
दरअसल, पिछले दिनों एक टीवी चैनल डिबेट के दौरान फिल्म निर्माता आयशा सुल्ताना ने कहा कि लक्षद्वीप में अभी तक कोरोना का एक भी केस नहीं था, लेकिन अब हर रोज 100 मामले सामने आ रहे हैं। मैं स्पष्ट तौर पर कह सकती हूं कि केंद्र सरकार ने बायो वेपन के तौर पर प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की तैनाती की है। वह यहां पर अलोकतांत्रिक, जनविरोधी नीतियों को लागू कर रहे हैं, जिससे कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आयशा सुल्ताना के बयान के बाद भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की और उसके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया। वहीं केंद्रशासित प्रदेश की भाजपा इकाई के कई नेता इस कार्रवाई पर नाराजगी जता चुके हैं। यहां तक कि एक दर्जन से ज्यादा नेताओं ने पार्टी भी छोड़ दी है। भाजपा की लक्षद्वीप इकाई के अध्यक्ष अब्दुल खादर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अब्दुल खादर का आरोप है कि उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 के प्रसार के बारे में झूठी खबर फैलाई थी। साथ ही यह भी कहा कि यह सुल्ताना का राष्ट्रविरोधी कृत्य था, जिसने केंद्र सरकार की ‘देशभक्ति की छवि’ को धूमिल किया। साथ ही उन्होंने इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। बता दें कि इससे पहले भाजपा ने फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए द्वीप में विरोध प्रदर्शन किया था।