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    कश्मीर में अब सुरक्षा बलों का दबदबा, आतंकी भर्तियों में आयी कमी, ओवर ग्राउंड वर्कर का नेटवर्क पड़ा कमजोर

  • November 23, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । कश्मीर (Kashmir) में सुरक्षा बलों (security forces) के दबदबे का असर स्थानीय आतंकियों (आतंकियों ) पर नजर आ रहा है। लगातार होने वाली भर्तियों के प्रति रुझान कम हुआ और ओवर ग्राउंड वर्कर का नेटवर्क भी कमजोर पड़ा है। इसके बावजूद विदेशी आतंकियों की मौजूदगी चुनौती बनी है। इनके जरिए पाकिस्तान से लगातार आतंकी नेटवर्क का विस्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को भी खुफिया एजेंसियों ने सीमापार से आए मैसेज को डिकोड किया जिसमें लश्कर और जैश आतंकियों को घाटी में हमले तेज करने को कहा गया है।

    सूत्रों ने कहा कि इस वर्ष स्थानीय आतंकियों की भर्ती में बड़ी कमी के संकेत मिले हैं। इस साल भर्ती का आंकड़ा दोहरे अंकों से आगे नहीं बढ़ पाया लेकिन विदेशी आतंकियों की मौजूदगी और स्थानीय लोगों को आगे कर थोड़े-थोड़े अंतराल पर हत्या की घटनाओं को अंजाम देने की रणनीति से सुरक्षा बलों की चुनौती लगातार बनी है।

    करीब 70 आतंकी छिपे होने की आशंका
    खुफिया सूत्रों ने बताया कि अब भी 60 से 70 विदेशी आतंकी अलग-अलग हिस्से में छिपे हो सकते हैं। जब भी यह संख्या कम होती है पाकिस्तान घुसपैठ का प्रयास करता है और घाटी में एक निश्चित संख्या बनाए रखने का प्रयास किया जाता है।


    स्थानीय आतंकियों की संख्या घटी
    पिछले वर्ष लगभग 137 आतंकी सक्रिय थे। इनमें 55 स्थानीय और 82 विदेशी दहशतगर्द शामिल थे। अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों में स्थानीय आतंकियों की संख्या कम हो रही है। जम्मू कश्मीर में मौजूदा समय में कुल 107 आतंकी सक्रिय बताए जाते हैं। इनमें 36 स्थानीय आतंकी जबकि विदेशी आतंकियों की संख्या 60 से 70 के बीच है।

    गतिविधियों पर नकेल कसी गई
    एक अधिकारी ने कहा कि घाटी में निवेश और पर्यटन के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ दिखता है कि आतंकी गतिविधियों पर पहले की तुलना में काफी नकेल कसी गई है। विदेशी आतंकी भी लगातार छटपटाहट के बावजूद बड़े हमलों को अंजाम देने में सफल नहीं हो पा रहे क्योंकि उन्हें स्थानीय स्तर पर मिलने वाला सहयोग कमजोर हो गया है।

    आतंकी वारदातें कम हुईं
    पिछले पांच साल का तुलनात्मक अध्ययन करें तो आतंकी वारदातों में 59 फीसदी तक की कमी आई है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पांच साल में कश्मीर में आतं​कवादी हमलों में आम नागरिकों के मारे जाने के मामलों में 77 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई।

    किस वर्ष कितने युवाओं ने आतंक का दामन थामा
    2019 119
    2020 167
    2021 128
    2022 100

    लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या
    घाटी में पिछले साल 4100 विदेशी पर्यटक आए जबकि इस साल सितंबर तक 32 हजार पर्यटक आए थे। पिछले साल की तुलना में अब तक लगभग आठ गुना विदेशी पर्यटक आए हैं। अमेरिका, कनाडा और कुछ अन्य यूरोपीय देशों से भी सैलानी कश्मीर आ रहे हैं। घाटी में अब तक 1.50 करोड़ घरेलू पर्यटक भी आ चुके हैं। पिछले साल 1.88 करोड़ देसी पर्यटक आए थे।

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