मॉस्को । अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबख क्षेत्र में जारी संघर्ष पर चर्चा करने के लिए सोमवार को बंद दरवाजों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक होगी। संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी मिशन के प्रेस सचिव फेडोर स्ट्रीझिझोविस्की ने यह जानकारी दी। वहीं, अमेरिका, रूस, जर्मनी और फ्रांस समेत कई अन्य देशों ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है।
स्ट्रीझिझोविस्की ने कहा, “ नागोर्नो-काराबख क्षेत्र पर चर्चा करने के लिए सोमवार को तीन बजे बंद दरवाजों के बीच सुरक्षा परिषद की एक बैठक होगी।” यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग संगठन मिंस्क समूह की ओर से इस बैठक की मांग की गयी थी।
दरअसल, अर्मेनिया और अजरबैजान की सेना के बीच 27 सितंबर से ही नागोर्नो-काराबख क्षेत्र में एक इलाके पर कब्जे को लेकर हिंसक संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में अब तक दोनों ओर से कई लोगों की मौत हो चुकी है। रूस की मध्यस्थता के बाद 10 अक्टूबर को दोनों ही देश युद्ध विराम लागू करने पर सहमत हो गए थे, लेकिन हिंसा दोबारा शुरू हो गयी है।
गौरतलब है कि अर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ही देश पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा थे। लेकिन सोवियत संघ के टूटने के बाद दोनों देश स्वतंत्र हो गए।अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच नागोर्नो-काराबख इलाके को लेकर विवाद हो गया। दोनों देश इस पर अपना अधिकार जताते हैं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इस 4400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अजरबैजान का घोषित किया जा चुका है, लेकिन यहां आर्मेनियाई मूल के लोगों की जनसंख्या अधिक है।
इसके कारण दोनों देशों के बीच 1991 से ही संघर्ष चल रहा है। वर्ष 1994 में रूस की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच संघर्ष-विराम हो चुका था, लेकिन तभी से दोनों देशों के बीच छिटपुट लड़ाई चलती आ रही है। दोनों देशों के बीच तभी से ‘लाइन ऑफ कंटेक्ट’ है। लेकिन इस वर्ष जुलाई से हालात खराब हो गए हैं। इस इलाके को अर्तसख के नाम से भी जाना जाता है।
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