भोपाल। प्रदेश की ग्राम और नगर सुरक्षा समितियों का नए सिरे से गठन किया जा रहा है। सरकार इन समितियों को सिर्फ आपदा प्रबंधन या ट्रैफिक व्यवस्था के लिए इस्तेमाल कर खानापूर्ति नहीं करना चाहती बल्कि इसके लिए बड़ा प्लान तैयार किया जा रहा है। इन सुरक्षा समितियों के सदस्यों को नशे का चक्रव्यूह तोडऩे का जिम्मा सौंपा जाएगा। ग्राम रक्षा समिति को गांवों में और नगर सुरक्षा समिति को नगरों में नशे का अवैध कारोबार करने वाले लोगों की जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन समिति सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस उठाएगी और इनकी जानकारी के आधार पर कार्रवाई करेगी। सरकार तीन साल से ज्यादा समय से ये काम कर रहे लोगों को एसपी के प्रमाणपत्र पर हथियारों का लाइसेंस भी देगी।
ऐप से जोड़ रहे सदस्य
सुरक्षा समितियों के नए सदस्य सीसीटीएनएस एप से जोड़े जा रहे हैं। इन सदस्यों की संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई है। इन सबकी नाम, पता समेत पूरी जानकारी इस एप पर मिल सकेगी। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी किए हैं कि इन समितियों में ऐसे लोग जोड़ें जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। समाजसेवा में उनकी भूमिका सक्रियता से बनी हो।
समितियों के जिम्मे काम
समिति सदस्य मोहल्ला, गांव में अपराधिक और असामाजिक गतिविधियों की जानकारी पुलिस को देंगे। इनके आधार पर अवैध शराब, सट्टा, जुआ के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई जाएगी। शांति समिति की बैठक में सुरक्षा समिति के सदस्य भी शामिल होंगे। यातायात पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक व्यवस्था में भी ये मदद करेंगे। ये समाज और पुलिस के बीच में सेतु का काम करेंगे।
समितियों का होगा पुनर्गठन
प्रदेश में इन समिति के सदस्य राजनीति का शिकार भी हो गए थे। पिछली कमलनाथ सरकार ने भाजपा सरकार के समय के समिति सदस्यों की बड़ी संख्या में छुट्टी कर दी। भाजपा सरकार के समय समिति में पांच लाख से ज्यादा सदस्य थे। समिति के नए सिरे से गठन की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन ये सक्रिय नहीं हो पाईं। अब दोबारा भाजपा सरकार आने पर इनका पुनर्गठन किया जा रहा है।
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