जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है. आतंकी हमलों की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू में बीते महीने हुई 3 बड़ी आतंकी घटनाओं में हमले को लेकर कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि इन सभी आतंकी वारदातों के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकी साजिद सफीउल्लाह जट्ट का हाथ हो सकता है.
साजिद जट्ट फिलहाल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित अपने बेस कैंप में रह रहा है. वह पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में भी लंबे समय से सक्रिय रहा है. उसके साथ भारतीय मूल की पत्नी भी इस्लामाबाद में रह रही है. माना जाता है कि साजिद का हाथ पिछले महीने रियासी में श्रद्धालुओं से भरी बस पर आतंकी हमला करने के मामले में भी रहा जिसमें 9 लोग मारे गए और 41 लोग घायल हो गए.
बताया जाता है कि साजिद जट्ट अभी लश्कर-ए-तैयबा के लिए भर्ती कराने का काम संभाल रहा है. साथ ही ट्रेंड आतंकियों को सीमा पार से भारत में घुसपैठ कराने के लश्कर के टॉस्क को पूरा करने में लगा हुआ है. साजिद जट्ट के बारे में कहा जाता है कि वह लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर भी है.
लश्कर भारत में आतंकी हमलों के लिए आतंकियों को घुसपैठ कराने और उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराता रहा है. लश्कर ने भारत में आतंकी घटनाओं के लिए टेरर फंडिंग का जिम्मा भी साजिद को सौंप रखा है. घाटी में पिछले कुछ सालों में हुए आतंकी हमलों में साजिद जट्ट का हाथ बताया गया है.
खुफिया एजेंसियों को शक है कि साजिद का एक साथी कासिम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है और सुरक्षा बलोंकी ओर से सरगर्मी से तलाश की जा रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साजिद जट्ट पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया हुआ है. उसका नाम एनआईए की वॉन्टेड लिस्ट में दर्ज है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, साजिद जट पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले के गांव शंगामंगा का रहने वाला है. साजिद के कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से गहरे रिश्ते हैं.
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