चंडीगढ़ (Chandigarh)। कनाडा (Canada) में छिपे खालिस्तान समर्थक आतंकियों (Pro-Khalistan terrorists) और पंजाब के गैंगस्टरों का नेटवर्क (Punjab Gangsters Network) तोड़ने के लिए पंजाब पुलिस (Punjab Police) व केंद्रीय एजेंसियों (Central Agencies) ने कार्रवाई तेज कर दी है। कनाडा के ताजा प्रकरण के बाद पंजाब में दो दिन से गैंगस्टरों-आतंकियों (gangsters-terrorists) समेत उनके मददगारों के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। पंजाब पुलिस के साथ एनआईए समेत केंद्रीय एजेंसियां इस ऑपरेशन में शामिल हैं।
शुक्रवार को भी पंजाब में ऐसे 37 ठिकानों पर छापे मारे गए। छापों में हथियारों के अलावा विदेश से मोटी रकम ट्रांसफर होने के भी कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। करीब 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनसे एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) पूछताछ कर रही है। पिछले 48 घंटों में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ व गैंगस्टरों-आतंकियों के मददगारों के करीब 1200 ठिकानों को खंगाला गया है।
एजेंसियों की निगाहें उन लोगों पर हैं, जो किसी न किसी रूप विदेश में छिपे आतंकियों व गैंगस्टरों की मदद कर रहे हैं। पुलिस ने ऐसे लोगों का रिकॉर्ड जुटा लिया है। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ कनाडा से अपना नेटवर्क चला रहा है। पुलिस का मानना है कि कोरोना काल में आतंकियों और गैंगस्टरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से पंजाब के युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाकर साथ जोड़ा।
कनाडा में बैठे आतंकी और गैंगस्टर नाबालिगों और कॉलेज-यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों में बरगला रहे हैं। कुछ लोगों के खातों में पैसे तक डाले हैं। अब इन्हीं को मोहरा बनाकर विदेश में छिपे आतंकी पंजाब में माहौल बिगाड़ने की कोशिश में हैं। तरनतारन के सरहाली थाने पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला में आतंकियों के इसी ट्रेंड का खुलासा हुआ था। इसमें आतंकियों ने 10 नाबालिगों को बरगला कर वारदात को अंजाम दिया था।
विदेश से आकर दे रहे वारदातों को अंजाम
पुलिस के लिए अब एक नई चिंता यह भी बन गई है कि विदेश में बसे शातिर भारत आकर यहां बड़ी वारदात को अंजाम देकर निकल जाते हैं। अगस्त में आतंकी हरजीत सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। उसके सहयोगी अमरिंदर सिंह को खन्ना से काबू किया है। उन पर टेरर फंडिंग व राज्य में टारगेट किलिंग की योजनाओं में शामिल होने का आरोप है।
हरजीत सिंह ने अमरिंदर उर्फ बंटी को फंडिंग और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। इतना ही नहीं इन्हें विदेश में हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दिलाई जाती है। घटनास्थल से कैसे निकलना है, यह भी सिखाया जाता है।
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