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पकड़ाए सिकलीगरों से राज खुले, घर आकर बना देते हैं हथियार, 2 हजार में बंदूक, 4 हजार में पिस्टल

December 21, 2021

इंदौर।  क्राइम ब्रांच (crime branch) द्वारा अब तक की सबसे बड़ी हथियारों (weapons) की खेप (consignment) के साथ गिरफ्तार (arrested) किए गए सिकलीगर (sikliger) सहित तीन लोगों ने बताया कि सिकलीगर (sikliger) गांव में लोगों के घर जाकर दो हजार में भरवा बंदूक (gun) और चार हजार में पिस्टल (pistol) बना देता था। इसके लिए वह पंद्रह दिनों तक उनके ही घर रहता था और गांव में लोगों के ऑर्डर भी लेता था।
पकड़ाए सिंगनूर (singnur) के सिकलीगर (sikliger) जलसिंह ने बताया कि वह अकेले ही पिस्टल बना लेता है। इसके लिए उदयनगर (udainagar) और देवास (dewas) के कई गांवों में गया है। यूं तो वह पिस्टल तीस हजार में बेचता था और भरवा बंदूक आठ हजार में, लेकिन यदि कोई गांव में उसे हथियार बनाने के लिए बुलाता था तो दो हजार में भरवा बंदूक और चार हजार में पिस्टल बनाकर दे देता था, क्योंकि घर भी उनका ही रहता था और सुरक्षा की जवाबदारी भी उनकी ही रहती थी। पिस्टल बनाने के लिए जो वस्तुएं लगती थीं, वे भी वही उपलब्ध करवाते थे। एक गांव में 15 दिन रहकर वह दस-पंद्रह हथियार बना देता था ।


आधा दर्जन केस, सभी हथियार बनाने के
पुलिस (police)  ने बताया कि जलसिंह का पूरा परिवार ही इस गोरखधंधे में शामिल है, लेकिन वह इंदौर में पहली बार पकड़ा गया है। उसके खिलाफ गोगावां और सनावद में आधा दर्जन मामले दर्ज हैं, लेकिन हर बार हथियार बनाने के मामले में ही पकड़ा गया। पहली बार सौदा करते हुए साथियों के साथ पकड़ा गया।


इंसानों के लिए नहीं जंगल में जानवरों को मारने के लिए बनाई बंदूक
जलसिंह ने बताया कि देवास (dewas) के जंगल (forest) में बड़ी मात्रा में जंगली जानवर हैं और यहां के लोग उनका शिकार करते हैं। इसके लिए वे भरवा बंदूक का प्रयोग करते हैं। उसने उदयनगर और आसपास के वन क्षेत्र के गांवों में रुककर 25 से अधिक भरवा बंदूकें बनाकर दी हैं, जिनका उपयोग शिकार के लिए होता है। जंगल में वह एक मचान बनाकर रखता था। इन जंगलों (forests) में कोई गाड़ी नहीं जाती है। दूर से आता व्यक्ति दिखाई देता था तो चंपत हो जाता था। कई बार पुलिस (police) से बचने के लिए पेड़ पर बने मचान पर ही हथियार रखता था, तो कभी मचान के नीचे जमीन में गाडक़र। कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच (crime branch) ने देवास (dewas)  के कनौजे और उसके साथियों को तेंदुए की खाल के साथ गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने भी कबूला था कि उन्होंने तेंदुए का शिकार उदयनगर (udainagar) के पास भरवा बंदूक से किया।

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