उज्जैन। बारह ज्योर्तिलिंगों में एक महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) की प्रति वर्ष श्रावण-भादौ मास के सोमवार (Mondays of Shravan-Bhadau month) को निकलने वाली सवारी के क्रम में सोमवार, 02 अगस्त को दूसरी सवारी निकलेगी। बाबा महाकाल पालकी में विराजकर लाव-लश्कर के साथ प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। सवारी के दौरान बाबा महाकाल श्रद्धालुओं को दो स्वरूप में दर्शन देंगे। पालकी में चंद्रमौलेश्वर सवार होंगे, वहीं हाथी पर मन महेश विराजीत रहेंगे। सवारी का ऑनलाइन प्रसारण मंदिर के पोर्टल पर,वेब साइट पर,एप पर होगा। इसे विश्व में घर बैठकर देखा जा सकता है।
मंदिर के शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा ने बताया कि बाबा महाकाल दूसरी सवारी में प्रजा को चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दर्शन देंगे। पालकी का पूजन अपरांह 4 बजे कोटि तीर्थ के समीप सभामण्डप में होगा और बाबा महाकाल के मुघौटे को पालकी में विराजीत किया जाएगा। इसके बाद पालकी को मंदिर के मुख्य द्वार पर लाया जाएगा। यहां बाबा महाकांल को सिंघिया रियासत के समय से चली आ रही परंपरान्तर्गत सशस्त्र सलामी दी जाएगी। पश्चात बाबा महाकाल पुलिस बैण्ड की सुमधुर धुन पर प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
प्रदेश सरकार ने कोविड प्रोटोकाल 10 अगस्त बढ़ा दिया है। ऐसे में कोविड-19 अनुकूल व्यवहार के चलते सवारी छोटे मार्ग से निकलेगी और सवारी मार्ग पर धारा-144 लागू रहेगी। आम जनता का प्रवेश सवारी मार्ग पर प्रतिबंधित रहेगा। सवारी मार्ग के दोनों ओर क्रास रोड़ पर बेरीकेड्स लगे रहेंगे। गत सवारी में जिसप्रकार से अव्यवस्था देखने में आई थी। उसे देखते हुए इस बार कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सवारी में केवल अनुमति प्राप्त पास धारक लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। पण्डे, पुरोहितों की संख्या भी चिंहित रहेगी।
यह रहेगा सवारी मार्ग
महाकाल मंदिर से सवारी बड़ा गणपति,हरसिद्धि मंदिर,सिद्ध आश्रम के सामने से होकर रामघाट जाएगी। यहां से सवारी शिप्रा तट पर बाबा महाकाल एवं मां शिप्रा के पूजन,आरती पश्चात वापस मंदिर लौटेगी। वापसी में मार्ग रामघाट से रामानुजकोट के समीप से हरसिद्धि की पाल,हरसिद्धि मंदिर,बड़ा गणपति होकर महाकाल मंदिर तक आएगा।
सोमवार को महाकाल मंदिर में यह रहेगी दर्शन व्यवस्था
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन हेतु दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। ऐसा गत सोमवार को मंदिर में मची भगदड़ एवं कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां उडने के चलते किया गया है। मंदिर में केवल ऑनलाइन पंजीयन करवानेवाले श्रद्धालुओं को ही प्रवेश मिलेगा। वहीं सशुल्क दर्शन व्यवस्था बंद रहेगी। याने बगैर पंजीयन करवाए मंदिर पहुंचकर २५० रू की रसीद कटवाकर दर्शन करने की व्यवस्था बंद रहेगी।
मंदिर प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि मंदिर में सोमवार को दर्शन व्यवस्था इसप्रकार रहेगी- प्रात: 6 से दोपहर 1 बजे तक एवं सायं 7 से रात्रि 9 बजे तक केवल ऑन लाइन पंजीयन करवा चुके लोगों को ही जारी स्लॉट अनुसार दर्शन करवाए जाएंगे। इसके अलावा के समय में मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा और मंदिर की ओर जानेवाले मार्गो को सील कर दिया जाएगा। पंजीयन करवानेवाले श्रद्धालुओं को अपने साथ कोविड के दोनों टीके लगवाने का प्रमाण पत्र या 48 घण्टे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव्ह रिपोर्ट अपने साथ रखना होगी। (एजेंसी, हि.स.)
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