- गंभीर बांध के जल भंडारण क्षेत्र में बिछाई जा रही मिट्टी तांकि गंभीर का पानी निर्माण में बाधा न बने
उज्जैन। गंभीर बांध के जल भंडारण क्षेत्र में दूसरा इंटकवेल बनाया जा रहा है। जिसके माध्यम से नर्मदा नदी का पानी दो जिलों के गाँवों में पहुँचाया जाएगा। उज्जैन शहर में जलापूर्ति के मुख्य केंद्र गंभीर बांध के जल भंडारण क्षेत्र में जल निगम द्वारा दूसरा इंटकवेल बनाया जा रहा है। निर्माण स्वरूप चिह्नित स्थल पर मिट्टी डाल सतह ऊंची की जा रही है ताकि गंभीर का पानी निर्माण कार्य में बाधा न बने। इस इंटकवेल में पाइपलाइन के माध्यम से नर्मदा नदी का पानी 914 गाँवों जिसमें उज्जैन जिले के 830 और इंदौर-देपालपुर के 84 गाँव के हर घर तक पानी पहुँचाया जाएगा। यह काम 1 हजार 462 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इंटकवेल 20 मीटर गहरा, 14 मीटर व्यास का बनेगा। पानी की शुद्धता के लिए फिल्टर प्लांट उन्हेल रोड पर घट्टिया विकासखंड के गांव झिरन्या में बन रहा है।
1462 करोड़ रुपये का ये काम जल निगम करवा रहा है, जिसका भूमि पूजन 22.50 प्रतिशत काम होने के बाद 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। परियोजना का काम सितंबर 2023 में शुरू हो गया था। इंटकवेल में नर्मदा का पानी पहुँचाने के लिए पाइप लाइन चिंतामन गणेश से गंभीर बांध तक बिछाई जाएगी। इस पाइपलाइन का टी-कनेक्शन 1856 करोड़ रुपये की नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत बिछाई पाइप लाइन से होगा। जल निगम ने परियोजना पूर्ण करने की समय सीमा 7 नवंबर 2025 निर्धारित कर रखी है। 354 गाँवों में पाइप लाइन बिछाकर, टंकी बनाकर प्रत्येक घरों तक पानी पहुँचाया जाएगा। शेष गाँवों में ग्रामीण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत बनाई पानी की टंकियों को नर्मदा जल से भरकर घर-घर पानी पहुँचाया जाएगा। इंदौर के देपालपुर विकासखंड के 82, सांवेर विकासखंड के 2, उज्जैन विकासखंड के 131, घट्टिया विकासखंड के 128, तराना विकासखंड के 206, बडऩगर विकासखंड के 189, खाचरौद विकासखंड के 176 गाँव जल निगम की इस योजना से लाभान्वित होंगे। योजना का उद्देश्य गाँवों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। ये देश की ऐसी पहली नदी जोड़ो परियोजना है जिसमें नर्मदा का पानी दो जिलों के गाँवों तक घरेलू उपयोग के लिए पहुँचेगा। गंभीर बांध के जल भंडारण क्षेत्र में एक इंटकवेल वर्षों पहले 25 एमजीडी का बनाया था, जिसके माध्यम से शहर में जल प्रदाय किया जाता है। इसकी गहराई 20 मीटर और व्यास 25 मीटर है। जल प्रदाय व्यवस्था बेहतर बनाने को एक इंटकवेल गऊघाट पर शिप्रा किनारे भी बनाया गया है। इसकी गहराई 15 मीटर और व्यास 12 मीटर है।