हरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान गगनयान मिशन के दौरान किसी भी परिस्थति में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित धरती पर उतारने की सबसे बड़ी चुनौती से निपटने में सफल रहा। इस मिशन के लिए शनिवार को किया गया परीक्षण सफल होने से वैज्ञानिकों में उत्साह है।
सफल उड़ान परीक्षण के बाद इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि क्रू मॉड्यूल को समुद्र से पूरी तरह से बरामद कर लिया गया है। कोई गलती नहीं हुई है। सभी डाटा सही लग रहे हैं। उन्होंने कहा, गगनयान मिशन के लिए तीन और प्रमुख परीक्षण मिशन डी2, डी3, डी4 को अंजाम दिया जाएगा। इसके अलावा मिशन को लेकर करीब 20 परीक्षण और किए जाएंगे। इन्हें एक के बाद एक किया जाना है। यह कवायद अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए की जाएगी। सबकुछ सही पाए जाने पर ही मानव सहित गगनयान मिशन भेजा जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि अगले साल की शुरुआत में दूसरा परीक्षण वाहन उड़ान आयोजित किया जाएगा।
इसरो के गगनयान मिशन के निदेशक और क्रू मॉड्यूल को आकार देने वाले कार्यकारी अधिकारी आर हटन ने कहा कि इस परीक्षण ने साबित किया कि हमारे लिए अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। क्रू मॉड्यूल को वैसे ही सुरक्षित रखा जाएगा, जैसे एक पक्षी खतरा होने पर अपने बच्चे को सुरक्षित जगह ले जाता है। गगनयान एक मजबूत विश्वसनीय मिशन है, लेकिन कोई खतरा नहीं उठाया जा सकता। अगर हमारी प्रणाली में कोई गड़बड़ी हुई, तो हमारे पास ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जो अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित धरती पर लौटा लाए।
टीवी-डी1 मिशन के निदेशक एस शिवाकुमार ने कहा कि ऐसा परीक्षण पहले कभी नहीं हुआ। यह तीन परीक्षणों का संगम था। इन्हें साथ अंजाम दिया गया। हमने परीक्षण उड़ान, क्रू एस्केप प्रणाली और क्रू मॉड्यूल को परखा। तीनों ने पहले ही प्रयास में एकदम सही प्रदर्शन किया।
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