नई दिल्ली। अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मामला अब सेबी तक पहुंच गया है। सेबी इस मामले में 15 फरवरी को वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगा। नियामक अदाणी इंटरप्राइजेज के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर यानी एफपीओ की जांच कर रहा है। साथ ही किसी संभावित अनियमितताओं की भी जांच हो रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले में पहले ही जवाब दिया था कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) एक स्वतंत्र नियामक है और वह इस मामले को देखेगा। हालांकि, सेबी उसके पहले से ही अदाणी इंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ की जांच कर रहा है। इस इश्यू को कंपनी ने पूरी तरह से भरने के बाद भी वापस ले लिया था।
उधर, सिंगापुर के डीबीएस समूह ने सोमवार को कहा कि अदाणी की कंपनियों में उसका कुल निवेश 1.3 अरब डॉलर है। इसमें से एक अरब डॉलर सीमेंट कारोबार को दिया गया है। उसे इस कर्ज की कोई चिंता नहीं है क्योंकि समूह नकदी उत्पन्न करने वाला है।
समूह ने आधा किया राजस्व वृद्धि का लक्ष्य
समूह ने सोमवार को निवेशकों से कहा, इसकी व्यावसायिक योजनाएं पूरी तरह से वित्त पोषित थीं। कैशफ्लो मजबूत था। हम शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए अपने पोर्टफोलियो की निरंतर क्षमता में विश्वास रखते हैं। इसके बावजूद सोमवार को समूह की कंपनियों के शेयरों में सात फीसदी तक की गिरावट आई। कई शेयर लोअर सर्किट पर बंद हुए। समूह ने अपने राजस्व वृद्धि लक्ष्य को आधा कर दिया है।
बाजार पूंजीकरण 125 अरब डॉलर घटा
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद 24 जनवरी से अब तक अदाणी की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 125 अरब डॉलर या 10.21 लाख करोड़ घट गया। सोमवार को यह 9 लाख करोड़ से नीचे 8.99 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो 24 जनवरी को 19.20 लाख करोड़ रुपये था।
गौतम अदाणी 23वें स्थान पर खिसके
अमीरों की सूची में गौतम अदाणी सोमवार को 23वें स्थान पर खिसक गए। उनकी संपत्ति 54.4 अरब डॉलर रही, जो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले 120 अरब डॉलर रही थी।
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