नई दिल्ली । सेबी (SEBI) इक्विटी मार्केट में बिना दावे वाली संपत्तियों (Properties) यानी अनक्लेम्ड एसेट्स (Unclaimed Assets) की घटनाओं को कम करने के लिए सरकार की डिजीलॉकर सिस्टम (DigiLocker System) का उपयोग करने की योजना बना रहा है। इसमें निवेशक की मृत्यु के बाद फंड हाउस और डिपॉजिटरी के पास छोड़े गए एमएफ फोलियो और स्टॉक शामिल हैं। नियामक ने प्रस्ताव दिया है कि फंड हाउस और डिपॉजिटरी को डिजीलॉकर पर डीमैट और म्युचुअल फंड होल्डिंग स्टेटमेंट उपलब्ध कराने चाहिए।
31 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी
टीओआई की खबर के मुताबिक सेबी यह भी चाहता है कि केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसियां (KRA) निवेशक की मृत्यु की जानकारी डिजीलॉकर के साथ साझा करें। इन संपत्तियों को सही उत्तराधिकारियों को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया के साथ डिजीलॉकर को इंटीग्रेट करके सेबी प्रतिभूति बाजार में बिना दावे वाली संपत्तियों को कम करना चाहता है। इसने इस मुद्दे पर एक मसौदा परिपत्र जारी किया है और 31 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।
क्या है डिजिलॉकर
सरकार द्वारा डिजिलॉकर शुरू किया गया एक डिजिटल डॉक्यूमेंट्स कलेक्शन प्लैटफार्म है, जो वर्तमान में आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस और सरकार द्वारा जारी किए गए कई अन्य दस्तावेजों को एक ही डिजिटल ऐप पर रखता है। दिसंबर 2020 में, सरकार ने डिजिलॉकर प्लैटफॉर्म पर बैंक खातों, बीमा पॉलिसियों और नई पेंशन योजनाओं के विवरणों को इंटीग्रेट करने की अधिसूचना जारी की।
सभी फाइनेंशियल होल्डिंग एक ही खाते में
सेबी के ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा गया है, “डिजिलॉकर में एमएफ और डीमैट होल्डिंग स्टेटमेंट को शामिल करने का प्रस्ताव व्यक्तियों की सभी फाइनेंशियल होल्डिंग को एक ही डिजिलॉकर खाते में उपलब्ध करा सकता है।” अक्टूबर 2023 में सेबी ने KRA के माध्यम से निवेशक की मृत्यु की रिपोर्ट करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रक्रिया शुरू की थी। इसे डिजिलॉकर के साथ इंटीग्रेट करने की प्रस्तावित विधि का उद्देश्य प्रक्रिया को और अधिक सुचारू बनाना है।
अभी डिजिलॉकर यूजर के पास अपने खातों के लिए व्यक्तियों को नॉमिनी बनाने का विकल्प है। सेबी अब चाहता है कि KRA ऐसी जानकारी को सत्यापित करने के बाद निवेशक की मृत्यु के बारे में जानकारी भी डिजिलॉकर के साथ साझा करें। मसौदा परिपत्र में कहा गया है, “सेबी के कहने पर, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) ने एक ऐसी प्रणाली बनाई है, जिसके तहत डिजिलॉकर सिस्टम ऑटोमेटिक रूप से डिजिलॉकर में बनाए गए नामिनी को एसएमएस और ई-मेल के माध्यम से यूजर की मृत्यु के बारे में सूचित करती है।”
नया सिस्टम कैसे काम करेगा
इन्वेस्टर डिजिलॉकर में नॉमिनी को ऐड करेंगे
इन्वेस्टर की मृत्यु के बाद केआरए निवेशक के निधन को वेरिफाई करेगा और डिजिलॉकर में दर्ज करेगा।
डिजिलॉकर नॉमिनी को निवेशक की मृत्यु की सूचना देगा।
इसके बाद नॉमिनी फाइनेंशियल एसेट्स के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करा सकता है
डिजिलॉकर नॉमिनी इन्वेस्टर की मृत्यु के बाद उसके ऐप अकाउंट को एक्सेस कर सकता है।
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