नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से कहा (Tells) कि वह एनडीटीवी के प्रवर्तकों (NDTV promoters) प्रणय राय और राधिका राय के खिलाफ कुछ ऋण समझौतों में शेयरधारकों से जानकारी छुपाकर प्रतिभूति मानदंडों के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले में तब तक कोई कठोर कदम न उठाए (Not to take strict action) , जब तक कि वह 3 सितंबर को उनकी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर लेता।
सुनवाई की शुरुआत में सेबी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से मामले को अगले शुक्रवार के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और दूसरे पक्ष ने भी इसके लिए सहमति दे दी।
जस्टिस रमना ने कहा, “लेकिन, जबरदस्ती कदम न उठाएं” मेहता ने कहा हां, यह एक आदेश है।
रॉय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि “आदेश आ गया है, लेकिन अब उन्होंने दंड की कार्यवाही शुरू कर दी है।”
न्यायमूर्ति रमना ने पूछा, “अपील का चरण क्या है?”
रोहतगी ने कहा कि इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया है, क्योंकि कोई तीसरा सदस्य नहीं है और लंबे समय तक मामले नहीं उठाए जा रहे हैं।
पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे। पीठ ने कहा, “हम मामले को स्थगित करेंगे, लेकिन कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाए।” मेहता ने जवाब दिया कि हम ऐसा नहीं करेंगे। रोहतगी ने प्रस्तुत किया, “मामले में हडबडी न कीजिए।”
शीर्ष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने फरवरी में रॉय को राहत देते हुए सैट (एसएटी) को बाजार नियामक सेबी के आदेश के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई के लिए दंड़ की आधी राशि जमा करने की पूर्व शर्त पर जोर नहीं देने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत ने कहा था, “अपील पर 4 मार्च को सुनवाई होनी है। अपीलों की सुनवाई के लिए किसी भी जमा राशि के अभाव में कोई भी राशि जबरदस्ती वसूल नहीं की जाएगी।” हालांकि, शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि इस आदेश को मिसाल नहीं माना जाएगा।
सैट ने एनडीटीवी के प्रमोटरों को सेबी के सामने 50 फीसदी राशि जमा करने का निर्देश दिया था। बाजार नियामक ने यह दंड़ विभिन्न प्रतिभूति मानदंडों के कथित उल्लंघन के मद्देनजर लगाया था, जहां कुछ ऋण समझौतों के संबंध में शेयरधारकों से जानकारी छुपाई गई थी।
सैट ने यह भी नोट किया था कि अगर एनडीटीवी राशि को जमा करता, तो ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील के लंबित रहने के दौरान शेष राशि की वसूली नहीं की जाएगी।
बता दें कि एनडीटीवी के प्रवर्तकों ने सैट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अपील में आने से पहले कथित रूप से गलत तरीके से अर्जित लाभ का एक हिस्सा जमा करने को कहा गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने अपनी जांच में पाया कि एनडीटीवी के इन दोनों प्रवर्तकों ने गलत तरीके से लाभ कमाया है।
ट्रिब्यूनल ने 4 जनवरी को पारित दो अलग-अलग आदेशों में रॉय द्वारा दायर अपीलों की जांच करने पर सहमति व्यक्त की थी। दंपति ने सेबी के नवंबर के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसने उन्हें दो साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था और उन्हें 12 साल से अधिक समय पहले इनसाइडर ट्रेडिंग में लिप्त होने के लिए 16.97 करोड़ रुपये के अवैध लाभ का भुगतान करने का निर्देश दिया था। न्यूज चैनल ने इन आरोपों से इनकार किया है।
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