नई दिल्ली (New Delhi) । म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों (Investors) के लिए राहत भरी खबर है। बाजार रेगुलेटरी सेबी (SEBI) ने मौजूदा निवेशकों के लिए नियमों को आसान बनाते हुए ‘नामांकन का विकल्प’ न देने की स्थिति में डीमैट और म्यूचुअल फंड खातों पर रोक लगाने (फ्रीज करने) का नियम सोमवार को खत्म कर दिया। इसके अलावा भौतिक रूप में सिक्योरिटीज रखने वाले निवेशक अब लाभांश, ब्याज या प्रतिभूतियों को भुनाने जैसे किसी भी भुगतान को पाने के लिए पात्र होंगे। इसके साथ ही निवेशक ‘नामांकन का विकल्प’ न चुनने पर भी शिकायत दर्ज करने या आरटीए (निर्गम के रजिस्ट्रार और शेयर हस्तांतरण एजेंट) से किसी भी सेवा का अनुरोध पाने के हकदार होंगे।
क्या है डिटेल?
इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सभी मौजूदा व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड धारकों के लिए नामित व्यक्ति (नॉमिनी) का विवरण देने या नामांकन से बाहर निकलने के लिए 30 जून की समयसीमा तय की थी। नियम का पालन न करने पर उनके खातों से निकासी पर रोक लगाई जा सकती थी। हालांकि, सेबी ने सोमवार को जारी सर्कुलर में कहा कि अनुपालन में सुगमता और निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा निवेशकों या यूनिटधारकों के लिए ‘नामांकन का विकल्प’ न देने पर डीमैट खातों के साथ म्यूचुअल फंड खाते पर रोक नहीं लगाने का फैसला किया गया है।
बाजार नियामक ने क्या कहा?
बाजार नियामक ने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों या आरटीए द्वारा ‘नामांकन का विकल्प’ न देने की वजह से फिलहाल रोके जा चुके भुगतान को भी अब निपटाया जा सकेगा। इसके साथ ही सेबी ने यह साफ किया कि सभी नए निवेशकों और म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों को डीमैट खातों/ म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए अनिवार्य रूप से ‘नामांकन का विकल्प’ देने की व्यवस्था जारी रहेगी।
नियामक ने डिपॉजिटरी प्रतिभागियों, एएमसी या आरटीए से कहा है कि वे डीमैट खाताधारकों या म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों को ईमेल और एसएमएस के जरिये पाक्षिक आधार पर संदेश भेजकर ‘नामांकन का विकल्प’ अद्यतन करने के लिए प्रोत्साहित करें। विवरण को अद्यतन करने के लिए नामित व्यक्ति का नाम, नामित व्यक्ति की हिस्सेदारी और आवेदक के साथ संबंध के बारे में बताना होगा। सेबी ने डीमैट खाते और एमएफ फोलियो में नामांकन का विकल्प देने और नामांकन से बाहर निकलने के लिए एक प्रारूप भी जारी किया है।
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