नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने ग्राहकों के हित में निवेश सलाहकारों के लिए शुल्क, योग्यता और आवंटन सहित कई मुद्दों पर गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत निवेश सलाहकार निवेशकों से प्रबंधन की जा रही संपत्ति का अधिकतम 2.5 फीसदी शुल्क ले सकेंगे। सेबी के नए निर्देश 30 सितंबर, 2020 से प्रभावी हो जाएंगे।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गाइडलाइन मेें कहा है कि सलाहकार अपने ग्राहक से दो तरीकों से शुल्क ले सकेंगे। प्रबंधन के अधीन संपत्ति (एयूए) के मामले में सभी सेवाओं पर प्रति ग्राहक सालाना अधिकतम 2.5 फीसदी और फिक्स्ड शुल्क मामलों में सालाना प्रति ग्राहक 1.25 लाख रुपये से ज्यादा वसूली नहीं की जा सकेगी। सलाहकार किसी एक तरीके से ही शुल्क ले सकेंगे और 12 महीने पूरे होने के बाद ही शुल्क लेने के तरीके में बदलाव किया जा सकेगा। ग्राहक की सहमति पर निवेश सलाहकार अग्रिम शुल्क का भुगतान भी करा सकते हैं।
निवेशकों पर ये नियम भी लागू होंगे
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