नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के लिए (For Lok Sabha Elections) उत्तर प्रदेश में (In Uttar Pradesh) सपा और कांग्रेस में (Between SP and Congress) सीटों का बंटवारा हो गया (Seats Divided) । 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर इंडी गठबंधन में सीट बंटवारे पर कुछ राज्यों में बात बनती नजर आ रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 17 सीटों पर चुनाव लड़ना है, जबकि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार 62 सीटों पर यहां चुनाव मैदान में उतरेंगे, वहीं चन्द्रशेखर आजाद की पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। इंडी गठबंधन के छोटे दलों को यूपी में सपा अपने कोटे से कुछ सीट दे सकती है।
सपा की तरफ से कांग्रेस को रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया की सीटें दी गई हैं। वैसे यह माना जा रहा है कि कांग्रेस इसमें से बुलंदशहर या मथुरा में से कोई एक सीट सपा को देकर, उसके बदले में श्रावस्ती सीट अपने हिस्से में ले सकती है।
ऐसे में अब यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या सपा अपनी 2017 वाली गलती को दोहराना चाहती है। वह कांग्रेस को एक चौथाई के करीब सीट देकर कहीं 2017 के विधानसभा चुनाव की गलती तो नहीं दोहरा रही है? समाजवादी पार्टी की तरफ से कांग्रेस के हिस्से में जो 17 सीटें दी गई हैं उनमें से 12 सीटों पर 2019 में कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी। इनमें से एक सीट बांसगांव भी है, जिसपर कांग्रेस ने 2019 में चुनाव भी नहीं लड़ा था। वह इनमें से केवल रायबरेली सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई थी।
कांग्रेस ने 2019 में यूपी के जिन 67 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, उनमें से 63 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। अमरोहा सीट पर तो 2019 में कांग्रेस को केवल एक प्रतिशत वोट मिले थे। तब इस सीट को बसपा ने जीता था और यहां से दानिश अली सांसद चुने गए थे। ऐसे में अब चर्चा है कि दानिश अली, जिनको बसपा ने पार्टी से निलंबित कर दिया है, यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इस बार कांग्रेस जिन अन्य सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उनमें से 2019 में प्रयागराज, बुलंदशहर, मथुरा, महाराजगंज, देवरिया और गाजियाबाद में उसे दहाई अंक प्रतिशत में भी वोट नहीं मिले थे।
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