नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तरफ से कहा गया था कि रायबरेली में राहुल गांधी की यात्रा (Rahul Gandhi’s visit) में मंच शेयर करने से पहले सीटों का बंटवारा तय हो जाना चाहिए, क्योंकि अगर सीटों का बंटवारा नहीं होता है और अगर अकेले चुनाव लड़ने की नौबत आई तो फिर मंच शेयर करना उचित नहीं होगा. अखिलेश यादव इस बात से भी नाराज थे कि उनकी पार्टी के नेताओं और सहयोगी दलों को कांग्रेस तोड़ने की कोशिश (attempt to break congress) कर रही है. पल्लवी पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य (Pallavi Patel and Swami Prasad Maurya) का मामला ताजा उदाहरण है.
समाजवादी पार्टी के सूत्रों का दावा है कि राहुल गांधी ने अब इस मामले को गंभीरता से लिया है. सीटों के तालमेल की बातचीत आखिरी दौर में है. कांग्रेस पार्टी 20 से 22 सीटों का मांग कर रही है, जबकि समाजवादी पार्टी अभी 17 सीटें ही देने के मूड में है. अब कहा जा रहा है कि सीटों के बंटवारे पर 20 फरवरी से पहले ही फ़ार्मूला तय हो सकता है. अखिलेश यादव मंगलवार को रायबरेली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने का कार्यक्रम है. शीर्ष सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस और सपा अगले दो दिनों के भीतर राज्य में अपनी सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप दे सकती हैं.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों का बंटवारा 27 जनवरी से अटका पड़ा हुआ है. अखिलेश यादव ने कांग्रेस को 11 सीटें देने का ऐलान किया था, जिससे पार्टी असमंजस में थी. तब से सीट-बंटवारे में कोई और प्रगति नहीं हुई है. 11 सीटों को लेकर कांग्रेस की ओर से कोई स्वीकारोक्ति नहीं की गई, हालांकि दोनों पार्टियां लगातार कहती रहीं कि बातचीत जारी है. दोनों पार्टी के नेताओं का कहना है कि दोनों ही पार्टी के नेता सीटों के बंटवारे को लेकर गंभीर हैं और उम्मीद है कि जल्द ही सीटों के बंटवारे का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा.
इस बीच, अखिलेश ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के न्याय यात्रा में शामिल होने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया. सपा नेता का कहना है कि अखिलेश, राहुल के साथ कुछ दूरी तक न्याय यात्रा में शामिल होंगे. वह रायबरेली में यात्रा में शामिल होंगे संभवतः बछरावां में शामिल होंगे. बछरावां एक विधानसभा सीट है जिसे 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा ने जीता था.
रायबरेली और अमेठी दो लोकसभा क्षेत्र हैं, जहां सपा ने लगातार कई लोकसभा चुनावों में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. दोनों दल पहले प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद गांधी और यादव परिवार के सदस्यों के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतार रहे थे. बता दें कि इसके पहले सपा के साथी और इंडिया गठबंधन के घटक दल राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की थी.
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