विदिशा। नटेरन में बड़े पैमाने पर बाह नदी से रेत का उत्खनन और परिवहन पिछले एक पखवाड़े से चल रहा था। जिसकी जानकारी खनिज विभाग से आला अधिकारियों को थी। लेकिन खनिज माफियाओं पर हाथ डालने पर अधिकारी कतरा रहे थे। जिसके बाद हरकत में आए सरकारी सिस्टम ने खनिज माफियाओं पर कार्यवाही करने की ताकत दिखाई। जिसके बाद नटेरन में दो जगह पर चल रहीं। अवैध रेत की खदानों पर कार्यवाही की है। जहां मिंयाखेड़ी खनिज माफिया लोकेश रघुवंशी की खदान पर नायब तहसीलदार, पुलिस और देरी से पहुंचे माइनिंग के अधिकारियों ने यहां पर चल रहीं पनडुब्बियों को नष्ट कर दिया। बताया गया कि कलेक्टर के आदेश के बाद नायब तहसीलदार आनंद जैन ने पुलिस की मौजूदगी में यहां पर कार्यवाही की है। हालांकि ना तो माइनिंग के अधिकारियों को पता है कि कितने बड़े हिस्से में और कितनी मात्रा में यहां से कितने दिनों से रेत निकाल जा रही थी। कार्यवाही की भनक लगते ही खनिज माफिया फरार हो गए। वहीं जिन संसाधनों से रेत निकाली जा रही थी उनको भी मौके से गायब कर दिया गया।
देर से पहुंचे अफसर जिला अधिकारी को नहीं पता क्या हुई कार्यवाही
कलेक्टर के आदेश केे बाद नटेरन क्षेत्र में दो जगह पर चल रही कार्यवाही हुई है। जबकि खनिज विभाग को यहां पर कार्यवाही करना थी। लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी मौके पर देरी से पहुंचे जब तक खनिज माफिया फरार हो चले थे। मिंयाखेड़ी और खेजड़ा काशीराम पर यह कार्यवाही की गई है। यहां से कितनी मात्रा मेें रेत जब्त की गई है। इसकी जानकारी जिला खनिज अधिकारी एमएस रावत को भी नहीं है।
कुरवाई मैं क्यों महरबानी
नटेरन के अलावा विदिशा, सिरोंज और कुरवाई में भी बड़े पैमाने पर खनिज माफियाओं ने नदियों से रेत का खनन किया है। नटेरन में हुई कार्यवाही के बाद कुरवाई क्षेत्र में अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि सबसे ज्यादा रेत का अवैध उत्खनन कुरवाई में भी हो रहा है। भाजपा नेताओं की शह पर खनिज माफिया नदियों से रेत निकाल रहे हैं। इसकी जानकारी खनिज विभाग और कुरवाई के राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी है। इसके बाबजूद यहां के खनिज माफियाओं पर सरकारी सिस्टम की मेहनबानी बनी हुई है।
फोटो सलंग्र 6,8
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