भोपाल। प्रदेश में अब कोई भी शिक्षक धरना, प्रदर्शन या कोई भी मांग नहीं उठा सकता हैं। शिक्षकों के 25 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। विभाग के इस तरह से रोक लगाने को लेकर शिक्षक संघ भी सामने आ गया है। उनका कहना है कि जिस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हो रहे हैं। वह धरना प्रदर्शन कैसे हो गया। विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षक संघों के पेंशन आदि की मांगों को लेकर भोपाल और अन्य स्थानों पर 25 दिसंबर को धरना प्रदर्शन किए जाने की जानकारी मिली हे। शिक्षकों का ऐसे समय में प्रदर्शन हो रहा है, जब कोरोना और परीक्षाएं हैं। इसे देखते हुए कलेक्टर जिले में होने वाले इस तरह के किसी भी प्रदर्शन पर नजर रखे। इसकी विडियोग्राफी कराए जाए। इसके माध्यम से प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों की पहचान कर कठोर कार्यवाही की जाए। इसके साथ ही इसकी पूरी रिपोर्ट 28 दिसंबर तक भेजें।
विरोध में संघ आया
शासकीय अध्यापक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र कौशल ने इस निर्णय को पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने कहा अध्यापक संघ को प्रशासन ने शैक्षिक संगोष्ठी के नाम पर अनुमति प्रदान की है। आयोजकों द्वारा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम शासन की नजर में धरना, प्रदर्शन कैसे हो सकता है? अवकाश के दिन कार्यक्रम में शिक्षकों को शामिल होने से रोकना न्याय संगत नहीं है।
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