अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद की एक छात्रा अपने NEET UG और गुजरात बोर्ड कक्षा 12 के परिणामों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर के कारण चर्चा का केंद्र बन गई है। NEET UG में 720 में से 705 अंक लाने वाली यह छात्रा पहले तो मार्च में आयोजित गुजरात बोर्ड की परीक्षा में फेल हुई और फिर जून-जुलाई में आयोजित पूरक परीक्षाओं में भी असफल रही।
छात्रा के NEET UG स्कोर 705 में भौतिकी में 99.89, रसायन विज्ञान में 99.86 और जीव विज्ञान में 99.14 शामिल थे। इस उल्लेखनीय प्रदर्शन ने उसे देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में से एक में निःशुल्क सीट की गारंटी दे दी थी। हालांकि, इसी छात्रा ने गुजरात बोर्ड की परीक्षा में 700 में से केवल 352 अंक प्राप्त किए।
रिपोर्ट्स के अनुसार नीट में टॉपर की श्रेणी में आने वाली छात्रा बोर्ड एग्जाम्स में दो विषयों में फेल हो गई, एक भौतिकी यावी फिजिक्स और दूसरा रसायन विज्ञान यानी केमिस्ट्री। भौतिकी में 21 अंक और रसायन विज्ञान में 31 अंक आए। इसके बाद पूरक परीक्षाओं में छात्रा रसायन विज्ञान में 33 अंकों के साथ पास होने में सफल रही लेकिन भौतिकी(फिजिक्स) में फिर से फेल हो गई जिसमें उसे केवल 22 अंक मिले।
नीट यूजी को पेपर लीक के आरोपों के बावजूद परीक्षा रद्द क्यों नहीं की, सुप्रीम कोर्ट ने बीते कल इसकी जानकारी दी। साथ ही सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी के लिए काम करने का दायरा भी तय किया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नीट यूजी मामले में हमें सिस्टेमैटिक कमियां नहीं मिली। पेपर लीक सिर्फ पटना और झारखंड के हजारीबाग में ही हुआ है, इसका कोई व्यापक असर नहीं था। ऐसे में परीक्षा रद्द करने के लाखों छात्र प्रभावित होते और इसका उनके मनोबल पर सीधा असर पड़ता।
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