नई दिल्ली (New Delhi)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) (Shanghai Cooperation Organization (SCO)) सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक (foreign ministers meeting) में शिकरत करने आ रहे पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Pakistani Foreign Minister Bilawal Bhutto) को भारत (India) कोई तवज्जो नहीं देगा। विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर बिलावल के साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं होगी। दरअसल, इस दौरे से पूर्व बीते हफ्ते जम्मू-कश्मीर के राजोरी सेक्टर में सेना पर आतंकी हमला मामले के बाद भारत ने पड़ोसी देश के खिलाफ अपना सख्त रुख जारी रखने का फैसला किया है।
सेना पर आतंकी हमले ने बिगाड़ा माहौल
सरकारी सूत्र ने बताया कि पहले भी बिलावल के दौरे को लेकर कोई उत्सुकता नहीं थी। भारत को पता है कि अगर संबंध सुधारने के लिए पाकिस्तान की पहल पर हामी भरनी है तो इसके लिए बिलावल उपयुक्त पात्र नहीं हैं। हां, अगर बिलावल के दौरे से पहले सेना पर आतंकी हमला नहीं होता तो इस दौरे की बहुत ज्यादा अनदेखी नहीं की जाती। अब इस हमले के बाद आतंकवाद के मामले में भारत अपने पुराने रवैये पर पाकिस्तान को सख्त संदेश देना चाहता है। इसलिए विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) अपने पाकिस्तानी समकक्ष से पूरी तरह से दूरी बरतेंगे।
जयशंकर ने पनामा से दिया संदेश
पनामा के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में जयशंकर ने दो टूक शब्दों में कहा कि ऐसा पड़ोसी जो भारत के खिलाफ सीमा पार में आतंकवादियों को प्रशिक्षण देता हो, आतंकवाद को बढ़ावा देना जिसकी नीतियों में शामिल हो, उसके साथ बेहतर और स्वाभाविक संबंध बेहद मुश्किल हैं। बता दें कि बिलावल अगले महीने के पहले हफ्ते पुणे में आयोजित एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं।
चीनी रक्षा मंत्री के साथ हो सकती है द्विपक्षीय बैठक…
सरकारी सूत्र ने कहा कि बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के इतर भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक हो सकती है। इस बैठक के जरिये भारत सीमा पर जारी तनाव को हल करने के मामले में चीन का भावी रुख टटोलना चाहता है। चीन भारत कोर कमांडर स्तरीय बातचीत में दोनों देश तनाव कम करने के लिए लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने पर सहमत हुए हैं।
भारत ने एससीओ सदस्य देशों से की सहयोग बढ़ाने की अपील
भारत ने एससीओ आईबीसी सदस्य देशों से वैश्विक मंदी की आशंका के बीच आपसी सहयोग और बातचीत बढ़ाने की अपील की है। साथ ही खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों से निपटने पर भी जोर दिया है। यहां एससीओ आईबीसी की 19वीं बैठक को संबोधित करते हुए इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमि. के प्रबंध निदेशक पद्मनाभन राजा जयशंकर ने कहा, सदस्य देशों के बैंकों में सहयोग की असीम संभावना है। वहीं भारत ने बुधवार को एससीओ आईबीसी की अध्यक्षता 2023-24 के लिए कजाखस्तान को सौंप दी।
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