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    सिंधिया का दिग्विजय पर हमला, कहा-बुजुर्ग हो गए हैं, उनकी पोल नहीं खोलना चाहता

  • December 06, 2021

    अशोकनगर। मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) में महाराजा(Maharaja) और राजा (raja) के बीच अब खुलकर वार पलटवार का दौर शुरू हो गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) ने राघोगढ़ में सभा (Meeting in Raghogarh) कर दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के करीबी को बीजेपी (BJP) में शामिल कराया. जिस पर दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सिंधिया (Scindia) पर हमला बोलते हुए उन्हें गद्दार बताया. अब सिंधिया(Scindia) ने पहली खुलकर दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) पर सीधा निशाना साधा. अशोकनगर (Ashoknagar) जिले के मुंगावली पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) पर पलटवार किया.
    मुंगावली पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(Union Minister Jyotiraditya Scindia) से जब दिग्विजय सिंह के गद्दारी वाले बयान पर सवाल किया गया तो सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा कि ”दिग्विजय सिंह इतने बुजुर्ग नेता हैं, उनकी आदत ही यही है, अब मैं उनकी पोल खोलना नहीं चाहता मैं उस स्तर तक नहीं जाना जाता जिस स्तर तक दिग्विजय सिंह गए हैं, दिग्विजय सिंह को कांटा चुभ रहा है, इसीलिए अब उनकी अंदर की भड़ास निकल रही है.”



    सिंधिया यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि ”दिग्विजय सिंह के बयान उनकी स्थिति और उन्हीं का मानसिक संतुलन दर्शाता है, जो ओसामा को ओसामा जी कहे और बोले कि हमारी सरकार आएगी तो कश्मीर से धारा 370 हटायेंगे, तो अब गद्दार कौन हैं यह तो जनता ही बताएगी, उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार की एक मर्यादा है और उस मर्यादा को वह तोड़ना नहीं चाहते.”
    बता दें की मक्सूदनगढ़ में दिग्विजय सिंह ने एक सभा में सिंधिया को लेकर खानदानी गद्दार होने का बयान दिया था और बोला था की ”सोच समझ कर गद्दारी करना एक बार जो गद्दारी कर लेते हैं फिर उनकी पीढ़ी दर पीढ़ी गद्दारी करती है.” दिग्विजय सिंह के इस बायन के बाद ही सिंधिया ने अब पलटवार किया.

    सिंधिया ने कांग्रेस को दिया है बड़ा झटका
    दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार दिग्विजय सिंह के गण राधौगढ़ मैं सभा की थी, इतना ही नहीं उन्होंने दिग्गी के करीबी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और विधायक स्वर्गीय मूल सिंह दादाभाई के पुत्र को हीरेंद्र सिंह को भाजपा में शामिल करवाया. जिसके बाद से ही दोनों नेताओं में जवानी जंग का सिलसिला शुरू हो गया है, राजनीतिक गलियारों में सिंधिया का यह कदम राघोगढ़ किले में सेंध मारना बताया जा रहा है.

    खुलकर सामने आई वर्चस्व की लड़ाई
    ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई पुरानी है और अब यह लड़ाई खुलकर मैदान में आ गई है. जब दोनों नेता कांग्रेस में थे तो तनातनी की खबरें बाहर नहीं आ पाती थीं. लेकिन सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद दोनों नेता खुलकर आमने-सामने आ गए हैं. 18वीं सदी में सिंधिया राजपरिवार और राघोगढ़ रियासत के बीच युद्ध भी हो चुका है. 90 के दशक में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया और दिग्विजय सिंह सीएम पद के दावेदार थे लेकिन दिग्विजय सिंह ने बाजी मार ली थी. कुछ ऐसा ही हाल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी हुआ, 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ सीएम पद के दावेदार थे, यहां भी दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ का समर्थन किया और कमलनाथ सीएम बने. माना गया कि इसमें भी दिग्विजय सिंह की अहम भूमिका थी. इसके 15 महीने बाद ही सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए और कमलनाथ सरकार गिर गई. ऐसे में अब दोनों नेता एक दूसरे पर खुलकर निशाना साध रहे हैं.

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