ब्रह्माण्ड। अंतरिक्ष में अनगिनत तारे (Stars) होते हैं ये सभी अपने जीवन चक्र के किसी ना किसी पड़ाव पर है। इनके जीवन चक्र में एक अहम स्थिति सुपरनोवा (Supernova) की होती है, यह तब होता है जब मरते हुए तारे में विस्फोट होता है। खगोलविदों के लिए यह घटना देखना बहुत ही मुश्किल होती है। लेकिन पहली बार खगोलविदों को यह घटना देखने मौका मिला है जिसमें एक लाल विशाल तारा (Red Supergiant) विस्फोटित होकर संकुचित हुआ और सुपरनोवा में बदल गया। करोड़ों से अरबों साल की उम्र में तारों के जीवन में ऐसी घटना बहुत ही कम समय के लिए होती है इसे लिए ऐसी घटना अब तक वास्तविक समय में नहीं देखी जा सकी थी।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और बर्केले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्नया (Northwestern University and University of California at Berkeley) के वैज्ञानिको टीम ने इस विशाल लाल तारे का अवलोकन पिछल 130 दिनों तक किया जिसके बाद उसमें विनाशकारी विस्फोट होता देखा गया है। इसी दौरान खगोलविदों ने इस घटना की वास्तविक समय की तस्वीरें लेने में सफलता पाई।
इस नई खोज से लाल विशाल तारे से संबंधित एक परिघटना के बारे में ज्यादा जानाकरी मिली है, जिसमें ऐसा तारों को उनकी मौत से पहले तुलनात्मक रूप से ज्यादा शांत होते हैं। इसमें किसी भी तरह के प्रचंड प्रस्फोट या चमकदार उत्सर्जन नहीं होती है। उनका शोध एस्ट्रोफिजकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
इस अध्ययन के प्रमुख लेखक वेन जैकबसन- गेलैन (Wayne Jacobson – Galen) ने बताया कि, “हमारी विशाल तारों के मरने के पहले समय की धारणाओं की समझ के बारे में यह एक बहुत बड़ी खोज है। अभी तक किसी सामान्य में टाइप 2 सुपरनोवा के विस्फोट से पहले की गतिविधि कभी अवलोकित नहीं की थी। यह पहली बार हुआ है कि हमने लाल विशाल तारे को विस्फोटित होते देखा है।”
यह मरता तारा पहले 2020 में मउई के हालेकाल में यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी पैन –STARRS (Maui Halekal University of Hawaii Institute for Astronomy PAN – STARRS) में देखा गया था। इस तारे को बहुत बड़ी मात्रा में विकिरणित होता प्रकाश देखा गया और यह उसमें सुपरनोवा की घटना होने के एक महीने बाद ही देखा गया था। इस सुपरनोवा (Supernova) को वैज्ञानिकों ने 2020tlf नाम दिया है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इससे पहले कभी भी मरते हुए लाल विशाल तारे में इतनी ज्यादा ज्वलंत गतिविधि की पुष्टि नहीं हुई थी। जहां ऐसा चमकीला प्रकाश निकला फिर उसके बाद वह तारा विस्फोटित होकर मर गया हो। यह तारा एनजीएस 5731 गैलेक्सी में था जो पृथ्वी से 12 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर स्थित था। यह हमारे सूर्य से 10 गुना ज्यादा भारी था।
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