पेनसिल्वेनिया। देश में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण (Air Pollution) को सर्दियां और बढ़ाएंगी। वायु की गुणवत्ता (air quality) इन दिनों में जबरदस्त खराब होगी. इस बीच पर्यावरण वैज्ञानियों (environmental scientists) ने राहत भरी खोज की है. चौंकाने वाली इस नई खोज के मुताबिक, अगर पौधों (plants) से हवा को बिजली का झटका (Electric Shock) दिया जाए तो उसके पास की वायु की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन झटकों का पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा या नकारात्मक?
वैज्ञानिक इस बात को बखूबी जानते हैं कि बड़े-बड़े तूफानों की वजह से पेड़-पौधे अपनी पत्तियों के कोनों से देखने लायक बिजली छोड़ते हैं. पेड़-पौधों की इस क्रिया को कोरोना कहते हैं। शोध कहता है कि यह कोरोना हल्का नीले रंग का झटका देता है, जो चार्ज हो चुकी जगह के चारों ओर चमकता है. यह शोध जियोफिजिकल रिसर्च के जर्नल में भी प्रकाशित हुआ है।
इस तरह किया शोध
एक खबर के मुताबिक, पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के मेटियोरोलोजी विभाग के शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रिकल फील्ड के तूफानों को वैधशाला में परखा। उसमें एक सुनिश्चित परिस्थिति में 8 पौधों में कोरोना दिखाई दिया. वैज्ञानिकों ने इसका विश्लेषण किया. विश्लेषण से पता चला कि कोरोना में मौजूद बिजली में बिखरे हुए इलेक्ट्रॉन ने दूसरे कंपाउंड के साथ मिलकर क्रिया की. इस क्रिया से जो कंपाउंड निकले वह वायु की गुणवत्ता में सुधार करते दिखाई दिए।
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, वायु प्रदूषण जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. कार्बन मोनोक्साइड, ओजोन, नाइट्रोजन डायोक्साइड और सल्फर डायोक्साइड खतरनाक हैं. आंतरिक और बाहरी वायु प्रदूषण की वजह से कई बीमारियां होती हैं. इनसे न केवल रोगों की संख्या में इजाफा होता है, बल्कि ये लोगों की उम्र भी छोटी करता है।
वैज्ञानिक ने कही ये बात
पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की पर्यावरण वैज्ञानिक जेना जेनकिंस के मुताबिक, अभी तक पौधों से निकलने वाले झटके के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. हम अनुमान लगा रहे हैं कि कोरोना तूफानों से पेड़ों में जन्म लेता है और यह आसपास की वायु को प्रभावित करता है।
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