वॉशिंगटन: दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश कर रहे खगोलविदों (Astronomers) को पहली बार बृहस्पति के चंद्रमा गैनीमेड (Ganymede) के वातावरण में जल वाष्प (Water Vapor) के सबूत मिले हैं। गैनीमेड हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है। नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) का इस्तेमाल करके गैनीमेड पर पानी से बनी भाप के सबूत मिलने की जानकारी दी है।
Earth से ज्यादा पानी मौजूद
यह जल वाष्प तब बनती है जब चंद्रमा (Moon) की सतह से बर्फ ठोस से सीधे गैस में बदल जाती है। इससे पहले एक शोध में कहा गया था कि सौर मंडल के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेड पर पृथ्वी के सभी महासागरों की तुलना में ज्यादा पानी मौजूद है, लेकिन गैनीमेड का तापमान इतना ठंडा होता है कि सतह पर पानी जम जाता है। यहां का तापमान माइनस 300 डिग्री फ़ारेनहाइट (-184 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्रस्ट से लगभग 100 मील (161 किलोमीटर) नीचे एक महासागर होने की संभावना है।
अगले साल Launch होगा JUICE Mission
वहीं, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का JUICE Mission, या Jupiter ICy Moons Explorer, 2022 में लॉन्च किया जाएगा। यह 2029 में बृहस्पति तक पहुंचेगा और ग्रह और उसके तीन सबसे बड़े चंद्रमाओं पर गतिविधियों को तीन साल तक रिकॉर्ड करेगा। शोधकर्ता चंद्रमा पर जीवन की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। इस लिहाज से JUICE Mission बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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