नई दिल्ली। डेंगू बुखार (Dengue Fever) के इलाज में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता (Big success for scientists) मिली है. हड्डीतोड़ बुखार डेंगू(Dengue Fever) के लिए केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिकों ने एक दवा तैयार (medicine ready) की है. जल्द ही इस दवा का मेडिकल कॉलेजों में ट्रायल किया जाएगा.
बता दें कि डेंगू एक वायरल बुखार (Viral Fever) है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द होता है और स्थिति गंभीर होने पर मृत्यु (Death) भी हो सकती है. इसे हड्डीतोड़ बुखार भी कहते हैं क्योंकि, इसमें हड्डियों में तेज दर्द होता है. अभी तक डेंगू (Dengue) का कोई इलाज नहीं है. लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसका इलाज ढूंढ लिया है.
एंटी वायरल दवा
वैज्ञानिकों के मुताबिक, डेंगू की दवा पौधों पर आधारित है. इसे ‘प्यूरीफाइड एक्यूस एक्सट्रैक्ट आफ कुक्कुलस हिरसूटस’ (एक्यूसीएच) कहा जा रहा है. ये एंटी वायरल दवा है. दवा की लैब टेस्टिंग और चूहों पर प्रयोग के नतीजे सफल रहे हैं. कंपनी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) से ह्यूमन ट्रायल की अनुमति भी मिल गई है.
इन जगहों पर होगा ट्रायल
देश के 20 मेडिकल कॉलेजों में डेंगू की दवा के ट्रायल की तैयारियां की जा रही हैं. इनमें कानपुर, लखनऊ, आगरा, मुंबई, थाणे, पुणे, औरंगाबाद, अहमदाबाद, कोलकाता, बेंगलुरु, मंगलोर, बेलगाम, चेन्नई, चंडीगढ़, जयपुर, विशाखापटनम, कटक, खुर्दा, जयपुर और नाथवाड़ा शामिल हैं.
ये होंगी जरूरी शर्तें
डेंगू पीड़ित मरीज की उम्र 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए. ये जरूरी है कि मरीज में डेंगू की पुष्टि 48 घंटे पहले हुई हो. ट्रायल के लिए मरीज को आठ दिन तक अस्पताल में रखा जाएगा और सात दिन तक उसे दवा की डोज दी जाएगी. मरीज को इलाज के 17 दिन बाद तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा.
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