वाशिंगटन। खगोलविदों (astronomers) को पहली बार चार सूर्य वाला सौरमंडल मिला है, जिसमें तीन सूर्य ही बचे हैं। वैज्ञानिकों(scientists) का अनुमान है कि इस प्रणाली में पहले चार सूर्य थे, लेकिन इस तीसरे वाले ने चौथे सूर्य को निगल लिया था।
इस तंत्र में दो सूर्यों का एक द्विज तंत्र है, जिसका एक बड़ा सूर्य चक्कर लगा रहा है। एचडी 98800 नाम का यह तंत्र टीडब्ल्यू हाइड्रे तारामंडल (TW Hydre Constellation) में 150 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। जब इस तंत्र की खोज हुई थी तब माना गया है कि इस तंत्रमें कुछ गड़बड़ी है और तब गैर पेशेवर खगोलविदों ने पेशेवर खगोलविदों को इस बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद ही खगोलिविदों ने इस अनोखे तीन सूर्यों के तंत्र के होने की पुष्टि की और इस अध्ययन में द्विज सूर्य के होने और काफी पहले चौथे सूर्य की उपस्थिति होने का पता लगाया है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में इसलिए है अहम
एलेजांद्रो चीनी शोधकर्ता बिन लियु के मुताबिक, ये खोज अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए काफी खास मानी जा रही, क्योंकि इंसानों को पहली बार तीन सूर्य वाले सिस्टम के बारे में पता चला है। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी (University of Copenhagen) में नील्स बोहर इंस्टीट्यूट के एलेजांद्रो विग्ना-गोमेज ने कहा कि जहां तक हम जानते हैं, ये अपनी तरह की पहली ऐसी खोज है। हम कई थ्री-स्टार सिस्टम के बारे में जानते थे, लेकिन वे आमतौर पर काफी कम बड़े पैमाने पर होते हैं।
एक साल में छह बार लगाता है चक्कर
इस ट्रिपल सिस्टम में बड़े सितारे एक साथ बहुत करीब हैं, ये एक बंधा हुआ सिस्टम है। दो सूर्य अपनी जगह पर हैं, लेकिन तीसरा उनकी परिक्रमा कर रहा है। ये साल में छह बार दोनों की परिक्रमा करता है। यह हमारे सूर्य से 16 गुना ज्यादा भारी है। फिलहाल इसके रहस्य आगे के अध्ययन के बाद ही पता चल पाएंगे।
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