नई दिल्ली। हमारी गैलेक्सी (Galaxy) का नाम मिल्की वे है, जिसमें अरबों की संख्या में तारें और ग्रह (stars and planets) मौजूद हैं। अभी तक जितने भी ग्रह खोजे गए हैं, वे सभी आकाशगंगा (Galaxy) में मौजूद हैं। यही वजह है कि आकाशगंगा रहस्यों से भरी हुई है। कुलमिलाकर हमारे ब्रह्मांड में अनगिनत रहस्य छिपे हुए हैं जिनकी आज भी वैज्ञानिक खोज करने में लगे हुए हैं।
एक इंटरनेशनल वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार मृत तारे हमसे 130 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। आपको बता दें कि प्रकाश वर्ष दूरी नापने की सबसे बड़ी इकाई है। ये तारा अति सघन है जो चंद्रशेखर सीमा के काफी करीब है। ये सीमा उस अधिकतम द्रव्यमान को संदर्भित करती है जो एक सफेद बौने तारे के अस्थिर होने से पहले हो सकता है।
सफेद बौने तारे का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों की टीम को लगता है कि यह दो सफेद बौने सितारों के बीच विलय के बाद बनी एक यूनिट है। सफेद बौना तारा 100 मिलियन वर्ष पुराना है। जिसमें बेहद मजबूत चुंबकीय प्रभाव है। इसका चुंबकीय क्षेत्र सूर्य की तुलना में एक अरब गुना अधिक शक्तिशाली है।
कोई तारा अपनी उम्र पूरी होने के बाद अपने सौर मंडल के बचे ग्रहों को भी नष्ट कर देता है। नासा से जुड़े वैज्ञानिकों को वर्षो से स्थापित इस अवधारणा के समर्थन में महत्वपूर्ण प्रमाण मिल चुका है। नासा की अंतरिक्ष दूरबीन केपलर के जरिये वैज्ञानिकों ने इस तरह की घटना के प्रमाण देखे हैं।
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