• img-fluid

    आदित्य L-1 के लिए वैज्ञानिकों ने कई दिनों तक नहीं लगाया था परफ्यूम, जानें क्या था कारण

  • September 03, 2023

    बेंगलुरू: भारत (India) का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 (Aditya L-1) अपनी यात्रा पर निकल चुका है. इस बीच इसके लिए काम कर रहे वैज्ञानिकों (scientists) को लेकर एक हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आया है. जब आप सूर्य की ओर लक्ष्य कर रहे हों तो अच्छी महक लेना कोई विकल्प नहीं है. आदित्य एल-1 के मुख्य पेलोड पर काम करने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए, कम से कम, यह सख्त मनाही थी. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) की टीम, जिसने सूर्य के रहस्यों को उजागर करने वाले प्रयासों को समझने के लिए आदित्य के मुख्य पेलोड – विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) का निर्माण किया था, उन्हें सभी प्रकार के परफ्यूम और स्प्रे से दूर रहने को कहा गया था.

    द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) को बेंगलुरु (Bangalore) के पास होसकोटे में स्थित अत्याधुनिक वाइब्रेशन एंड थर्मोटेक फैसिलिटी में विकसित किया गया था. इसी फैसिलिटी में कंपोनेंट-लेवल वाइब्रेशन डिटेक्टरों और ऑप्टिकल एलिमेंट्स को इंटीग्रेट करने के लिए एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. इस इंटीग्रेशन के बाद, क्लीन रूम में से एक हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आया, जहां टीम ने भविष्य के खोजकर्ताओं से मिलते-जुलते फुल-सूट रिहर्सल में, इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज और प्रदूरषण फैलाने वाली चीजों को क्लीन रूम से दूर रखने का अभ्यास किया. क्लीन रूम में परफ्यूम लगाकर आना भी प्रतिबंधित था और टीम के हर एक सदस्य को अल्ट्रासोनिक क्लीनिंग प्रोसेस से गुजरना पड़ता था.


    वैज्ञानिकों ने जो सूट पहना, वे सेंसर और ऑप्टिक्स (Sensors and Optics) की रक्षा करने वाली ढाल थे, जबकि क्लीनरूम एक ‘अभयारण्य’ की तरह था. VELC तकनीकी टीम के प्रमुख नागाबुशाना एस ने बताया, ‘इसे (क्लीनरूम) अस्पताल के ICU से 1 लाख गुना ज्यादा साफ रखना पड़ता था.’ VELC तकनीकी टीम के सदस्य, IIA के सनल कृष्णा ने कहा, ‘हमने यह सुनिश्चित करने के लिए HEPA (उच्च दक्षता वाले पार्टिकुलेट एयर) फिल्टर, आइसोप्रोपिल अल्कोहल और कठोर प्रोटोकॉल का पालन किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य पार्टिकल्स हमारी प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न न करें.’

    उन्होंने आगे बताया कि ‘एक भी पार्टिकल के डिस्चार्ज से हमारी कई दिनों की मेहनत बर्बाद हो सकती थी.’ मालूम हो कि वैज्ञानिकों ने छह-छह घंटे की शिफ्ट में काम किया. यहां तक कि उन्होंने मेडिकल स्प्रे का भी इस्तेमाल करने से परहेज किया. हालांकि, कई वैज्ञानिक इस बात पर सहमत थे कि क्लीन रूम में साफ-सफाई होनी चाहिए, यह बेहद जरूरी है, लेकिन उनमें से किसी ने भी इससे पहले के मिशनों के दौरान परफ्यूम लगाना नहीं छोड़ा था. वैज्ञानिकों में से एक ने कहा, ‘शायद IIA वैज्ञानिक इस बार अतिरिक्त सावधानी बरत रहे थे.’ आपको बता दें कि इसरो का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 सफलता पूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो चुका है. अब इसके ऑर्बिट को बढ़ाने और लैंग्रेज पॉइंट-1 की ओर ले जाने के लिए इसरो काम शुरू करेगा.

    Share:

    श्रीनगर में 'पुष्पा गैंग' सक्रिय! रात के अंधेरे में चोर काट ले गए ASP आवास में लगे चंदन के पेड़

    Sun Sep 3 , 2023
    गढ़वाल: उत्तराखंड के गढ़वाल के नगर क्षेत्र में चोरों के हौसले बुलंद हैं. श्रीनगर गढ़वाल में चोरी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां फिल्मी स्टाइल में चोरों ने एडिशनल एसपी (ASP) के निजी आवास से चंदन के दो पेड़ रातों-रात गायब कर दिए, सुबह जब पेड़ चोरी की घटना का पता चला तो […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved