डिब्रूगढ़। असम में डिब्रूगढ़ स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian council of medical research) (ICMR) ने कोविड-19 टेस्ट किट तैयार किया है. खास बात यह है कि इस किट की मदद से कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का पता सिर्फ 2 घंटे में लगाया जा सकता है। ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच इस किट का निर्माण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एजेंसी के अनुसार, डॉ विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने इस किट को तैयार किया है।
वैज्ञानिकों की टीम ने दावा किया है कि इस किट के जरिए ओमिक्रॉन वेरिएंट का 2 घंटे में पता लगाया जा सकता है। कोलकाता स्थित कंपनी जीसीसी बायोटेक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बड़े स्तर पर इस किट का निर्माण करेगी। कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के देशभर में अब तक 33 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि शुरुआती जांच में कई हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रन वेरिएंट, डेल्टा की तुलना में ज्यादा घातक नहीं है।
फिलहाल, बाजार में उपलब्ध मौजूदा किट से ओमिक्रॉन वेरिएंट की जांच करने में 3 से 4 दिन का समय लगता है। हालांकि अगर आईसीएमआर-डिब्रूगढ़ द्वारा विकसित किट रीयल टाइम में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान करने में सक्षम होती है तो यह एक बड़ी कामयाबी होगी और इसकी मदद से संक्रमण की दर को रोका जा सकेगा।
साइंटिस्ट डॉ विश्वज्योति बोरकाकोटी ने कहा कि, आईसीएमआर द्वारा डिजाइन और विकसित की गई इस किट की मदद से कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को 2 घंटे के अंदर विकसित किया जा सकता है। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि अभी तक इस वेरिएंट की जिनोम सिक्वेंसिंग करने के लिए 4 से 5 दिन का समय लगता है।
उन्होंने कहा कि यह किट ओमिक्रॉन वेरिएंट के सिंथेटिक जीन फ्रेगमेंट्स की पहचान 2 घंटे के अंदर दो विभिन्न माध्यमों से कर सकता है। आंतरिक सत्यापन में यह पाया गया है कि यह टेस्ट 100 फीसदी सही है। बता दें कि दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में कोविड-19 के इस नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के 33 मामले दर्ज हुए हैं।
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