नई दिल्ली: भारत (India) को परमाणु ताकत (Nuclear Power) बनाने में अहम रोल निभाने वाले वैज्ञानिक राजगोपाला चिदंबरम (Scientist Rajagopala Chidambaram) का 4 दिसंबर यानी शनिवार को निधन (Demise) हो गया है. चिंदबरम की उम्र 88 साल थी. वैज्ञानिक चिंदबरम ने साल 1975 और 1998 के न्यूक्लियर टेस्ट में अहम भूमिका निभाई. परमाणु ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने उनके निधन की पुष्टि की.
अधिकारी ने बताया वैज्ञानिक चिदंबरम ने शनिवार सुबह तड़के तीन बजकर 20 मिनट पर मुंबई के जसलोक अस्पताल में अंतिम सांस ली. डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
वैज्ञानिक चिदंबरम साइंस की दुनिया का बड़ा नाम थे, परमाणु टेस्ट से लेकर परमाणु हथियार कार्यक्रम तक उन्होंने एक अहम रोल निभाया और भारत को परमाणु की ताकत देने में योगदान दिया. वह परमाणु ऊर्जा आयोग (Atomic Energy Commission) के अध्यक्ष और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (Principal Scientific Advisor) थे. उन्हें देश के लिए दिए योगदान के लिए साल 1975 में पद्म श्री और 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
Department Of Atomic Energy ने वैज्ञानिक चिदंबरम के निधन पर कहा, भारत की वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षमताओं में डॉ. चिदंबरम ने अहम योगदान दिया. विज्ञान और टेक्नोलॉजी में उनके दूरदर्शी नेतृत्व को हमेशा याद किया जाएगा.
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