नई दिल्ली । तेजस लड़ाकू विमान बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले एयरोस्पेस वैज्ञानिक प्रो. रोद्दम नरसिम्हा का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। प्रो. नरसिम्हा को ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसके बाद उन्हें बीते 8 दिसम्बर को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां सोमवार रात 8 बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुनील वी फर्टाडो के मुताबिक प्रो. नरसिम्हा ने आज रात 8.30 बजे अंतिम सांस लीं। जब उन्हें यहां लाया गया, तभी से उनकी हालत नाजुक थी। उनके मस्तिष्क के अंदर खून बह रहा था। नरसिम्हा को हार्ट से जुड़ी समस्या थी। उन्हें 2018 में भी ब्रेस स्ट्रोक हुआ था।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के प्रो. नरसिम्हा को भारत सरकार के पद्म विभूषण से 2013 में राष्ट्रपति द्वारा नवाजा गया था। वह लंबे समय तक नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (एनएएल) के निदेशक के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा वे जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) में ईयर-ऑफ-साइंस चेयर प्रोफेसर भी थे।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंसेज (एनआईएएस) के निदेशक के रूप में नरसिन्हा ने यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज और अन्य निकायों के साथ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर कई प्रमुख संवाद किए। हालांकि फरवरी 2012 में उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष आयोग सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया। वो इस पद पर सबसे लंबे वक्त तक बने रहने वाले सदस्य थे।
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