-डेस्क पर लिखा होगा विद्यार्थी का नाम
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ((Haryana government) ने प्रदेश में 16 जुलाई से स्कूल खोलने की तैयारी (preparing to open schools in the state from July 16) कर ली है। शुरूआती दौर में सुबह साढे़ आठ बजे से 11 बजे तक अर्थात ढाई घंटे के लिए कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन (Online and offline for students) दोनों तरह की सुविधा जारी रहेगी। कोरोना की दूसरी लहर के कारण बंद हुए स्कूल 16 जुलाई से खोले जाएंगी। प्रदेश में 16 जुलाई से नौवीं से बारहवीं तथा 23 जुलाई से छठी से आठवीं कक्षा तक के स्कूल खोलने का फैसला किया है।
शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान जिलों के अधिकारियों को एसओपी के बारे में बताया गया और उन्हें निर्देश दिए कि वह कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन स्कूलों में सुनिश्चित करवाएं। विद्यार्थियों के बीच कम से कम छह फीट की दूरी रखी जाएगी।
कोरोना की दूसरी लहर से पहले भी संक्रमण के केस घटने पर सरकार ने स्कूलों को खोला था। दूसरी लहर की शुरूआत में राज्य के स्कूलों में कोरोना के पॉजिटिव केस मिलने शुरू हुए तो सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। इस बार मेडिकल सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया है। एसओपी में स्पष्ट किया है कि डेस्क पर एक ही विद्यार्थी बैठेगा और हर डेस्क पर विद्यार्थियों का नाम लिखा होगा। जिस डेस्क पर नाम होगा, विद्यार्थी को उसी पर बैठना होगा। विद्यार्थी एक-दूसरे के साथ स्टेशनरी या अन्य किसी भी चीज का आदान-प्रदान नहीं कर सकेंगे। स्कूलों में मिड-डे-मिल की जगह कच्चा राशन दिया जाएगा।
कोई भी सरकारी या प्राइवेट स्कूल विद्यार्थियों को स्कूल में आने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा। इस तरह का अगर किसी स्कूल ने दबाव बनाया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। स्कूल आने वाले विद्यार्थी, स्टॉफ व अन्य सभी लोगों की स्कूल के एंट्री गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग होगी। ‘अवसर’ एप पर पूरी डिटेल अपलोड होगी और इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तक जाएगी।
एक दिन में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। एक सेक्शन में अधिकतम 30 ही बच्चे बैठ सकेंगे। स्कूल आने के लिए विद्यार्थी को अभिभावकों से लिखित अनुमति लेनी होगी। सरकार ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे बच्चों को साइकिल से स्कूल जाने के लिए प्रेरित करें।
एसओपी में निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों को विद्यार्थियों के आने-जाने के लिए कक्षावार रास्ते बनाने होंगे। स्कूल में एक से अधिक गेट होंगे। स्कूल खोलने व बंद करने का समुचित अंतराल से सेक्शनवाइज कार्यक्रम बनेगा। स्कूल मुखिया सदस्य सचिव, पीटीआई या डीपी के साथ 2 अध्यापक प्रति सप्ताह सदस्य होंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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