इन्दौर। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण बंद पड़े स्कूलों को दिसम्बर में खोलने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक पहुंच गया है। निजी स्कूल के संचालकों ने अपने राजनीति संबंधों के आधार पर स्कूल खोलने को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
मार्च माह में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने और लम्बे समय तक लगे लॉकडाउन के बाद से ही स्कूल बंद हैं। हालांकि अभी केंद्र सरकार के निर्देश पर 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को उनके पालकों की सहमति से स्कूलों में जाकर शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्कूल खुले हुए हंै, बाकी अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों की पढ़ाई ऑनलाइन ही हो रही है। लम्बे समय से बंद स्कूल के संचालक चाहते हैं कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए स्कूल खोल दिए जाएं। इसको लेकर निजी स्कूल के संचालकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू किया, जिसके बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने दिसम्बर में स्कूल खोलने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक पहुंचा दिया है। हालांकि स्कूल खोलने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में होगा, मगर निजी स्कूल के संचालक अपने राजनीतिक संबंधों के आधार पर स्कूल खोलने को लेकर दबाव बना रहे हैं।
सप्ताह में चार दिन खुल सकते हैं स्कूल
शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लंबे समय से बंद स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा गया है। उसमें कई बिंदु शामिल हैं और इनमें प्रमुख रूप से सप्ताह में चार दिन स्कूल खोलने का बिंदु प्रमुख है। इसी तरह 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं नियमित रूप से शुरू करने की बात भी अधिकारियों ने प्रस्ताव में रखी है। प्रस्ताव में पहली से आठवीं तक की कक्षाएं 1 दिसम्बर से नियमित रूप से शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है। विभाग का उद्देश्य यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद धीरे-धीरे स्कूलों की रौनक वापस लौटे।
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