उज्जैन। राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारियों को 26 अगस्त को सरकारी स्कूलों में शाला प्रबंधन समिति (एसएमसी) का गठन करने के निर्देश दिए हैं। एक ही दिन में नामांकन से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र संचालक धनराज एस ने कहा कि शाला प्रबंधन समिति का दो साल का कार्यकाल रहेगा। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों में से एक पद पर महिला का होना अनिवार्य है। सचिव पद पर स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक या प्रधानाध्यापक या प्रधानाचार्य को नियुक्त किया जाएगा।
इन कार्यों में समिति की अनुशंसा जरूरी
स्कूल में शैक्षणिक गतिविधियां, मरम्मत, स्टेशनरी, बोर्ड, पुताई, साफ-सफाई, बिजली बिल, फर्नीचर आदि की राशि खर्च करने के लिए शाला प्रबंधन समिति की अनुशंसा जरूरी है, इसलिए इसका महत्व है।
पिछले वर्ष घोटाला, कार्रवाई लंबित
पिछले वर्ष स्कूलों में मरम्मत के लिए तीन-तीन लाख रुपए दिए गए थे, जिसे स्थानीय स्तर पर प्राचार्य द्वारा खर्च करने में कोताही सामने आई थी। शिकायतों के बाद जिला पंचायत सीईओ ने जांच कराई थी। जिला शिक्षा अधिकारी और प्राचार्यों को फटकार लगाई गई, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई।
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