नई दिल्ली: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) की मुश्किलें हर रोज बढ़ती ही जा रही हैं. विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange) की भारी कमी की वजह से श्रीलंका अपने नागरिकों के लिए जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है. पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel in Sri Lanka) को लेकर ऐसी स्थिति खड़ी हो गई है कि सरकार को सेना उतरानी पड़ी है. ईंधन की भारी कमी के बीच श्रीलंका में सैनिकों ने सोमवार को पेट्रोल के लिए कतार में लगे लोगों को टोकन बांटे. वहीं ईंधन (Fuel) की बचत के लिए सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया है और कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है.
विदेशी मुद्रा रखने पर लिमिट
श्रीलंका विदेशी मुद्रा की गंभीर कमी से जूझ रहा है. इस वजह से वो खाद्य, ईंधन और दवाओं सहित जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है. सरकार ने अपने नागरिकों के लिए विदेशी मुद्रा रखने की लिमिट तय कर दी है. अब श्रीलंका में लोग अपने पास सिर्फ 10,000 डॉलर की ही विदेशी मुद्रा रख सकते हैं, जबकि पहले ये लिमिट 15,000 डॉलर तक थी.
पेट्रोल-डीजल के लिए लंबी कतार
रायटर्स के अनुसार, लोग पेट्रोल-डीजल के लिए कई दिनों से लाइन में लगे हैं. 67 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक डब्ल्यू.डी. शेल्टन ने कहा कि मैं चार दिनों से लाइन में हूं. इस दौरान मैं ना तो ठीक से सो पाया हूं ना ही कुछ खाया है. हम अगर नहीं कमाएंगे तो अपने परिवार का पेट कैसे करेंगे. वो श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के एक फ्यूल स्टेशन पर लगी लाइन में 24वें नंबर खड़े थे.
स्कूल कर दिए गए बंद
श्रीलंका के पास लगभग 9,000 टन डीजल और 6,000 टन पेट्रोल का भंडार बचा है. बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने रविवार को कहा था कि तेल की नई खेप कब तक आएगी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. सरकार ने कर्मचारियों को अगली सूचना तक घर से काम करने के लिए कहा है. वहीं, राजधानी कोलंबो और आसपास के क्षेत्रों में एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं. श्रीलंका 51 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाने में असमर्थ है. श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी नागरिकों से आग्राह किया था कि वे ईंधन का इस्तेमाल संयमित तरीके से करें.
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