मेंदोला ने सुनी समस्या… विजयवर्गीय ने फोन लगाया
इंदौर। एमपी बोर्ड (MP Board) के निजी विद्यालयों (Private Schools) को मान्यता (Recognition) के लिए भोपाल (Bhopal) के चक्कर लगाने पड़ते हैं। छोटी-मोटी कमियों को स्थानीय स्तर पर ही नहीं सुधारा जाता और मान्यता रद्द कर दी जाती है। हाल ही में इंदौर जिले के 85 स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी गई, जिसमें कारण बताया गया कि स्कूल (School) बिल्डिंग (Building) की पुताई नहीं हुई, बाथरूम में नल नहीं हैं।
इसकी शिकायत लेकर एमपी प्राइवेट स्कूल एसो. के पदाधिकारी भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) व विधायक रमेश मेंदोला (Ramesh Mendola) से मिले और अपनी पीड़ा बताई। एसो. के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सोनी (Gopal Soni) ने बताया कि एमपी बोर्ड के विद्यालय वर्षों से शिक्षा के बुनियादी क्षेत्र में निरंतर निम्नतम शुल्क में उच्चतम शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं। परंतु मान्यता नवीनीकरण (Recognition Renewal) के विषय में शिक्षा विभाग द्वारा द्वारा स्कूल संचालकों (School Operators) को चक्कर लगवाए जाते हैं। वर्तमान में संबंधित अधिकारियों द्वारा छोटी-छोटी त्रुटियां बताकर विद्यालयों की मान्यताएं निरस्त की जा रही हैं। पिछले वर्ष लगभग 450 तो इस साल भी अब तक 85 स्कूलों की मान्यताएं (Recognition) रद्द की जा चुकी हैं। विधायक मेंदोला ने संचालकों की पीड़ा को समझा और विजयवर्गीय ने तुरंत शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार को फोन लगाकर इस संबंध में स्कूल संचालकों की पीड़ा बताई और जल्द ही इसका निराकरण करने के लिए कहा।
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