नई दिल्ली। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश के 6 लाख ओबीसी वर्ग के छात्रों (6 lakh OBC students) की स्कॉलरशिप (Scholarship) रुक गई है। इसके चलते वर्ष 2021-22 में अब तक एक भी छात्र को स्कॉलरशिप स्कीम (Scholarship Scheme) का पैसा नहीं मिला है। स्कॉलरशिप रुकने की वजह सरकार की तरफ से बजट की कमी को बताया जा रहा है।
प्रदेश के एक अग्रणी हिंदी दैनिक में प्रकाशित खबर की मानें तो राज्य सरकार की तरफ से आईआईटी, आईआईएम, आईआईएफएम, मेडिकल में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट), इंजीनियरिंग में प्रवेश की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई), नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू), बीई, एमएससी कंप्यूटर समेत कई कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है, लेकिन इस बार बजट की कमी की वजह से 1600 करोड़ रुपए नहीं जारी किए गए हैं, इसके चलते छात्रों के खातों में राशि नहीं पहुंच पा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वर्ष 2021-22 में सरकार से समाज कल्याण विभाग को 419 करोड़ स्कॉलरशिप स्कीम के लिए मिले. लेकिन फंड की कमी के चलते अभी भी 2021-22 के छह लाख, 2020-21 के तीन लाख और 2019-20 के डेढ़ लाख छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है।
फीस बढ़ने को बताई जा रही वजह
वहीं, इस मामले में विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि 2018 में फीस बढ़ने के कारण राशि भी बढ़ गई. इस वजह से फंड की कमी हो गई। आंकड़ों के मुताबिक जेईई-मेंस से बीई में पहले 22300 रुपए लगते थे, लेकिन अब 40 हजार रुपए लगते हैं. ठीक इसी तरह अन्य कोर्सेज के भी फीस में बढ़ोतरी हुई है।
ओबीसी को इसलिए हो रही है दिक्कत
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों की स्कॉलरशिप स्कीम में 90% पैसा केंद्र देता है. वहीं, ओबीसी वर्ग के लिए ऐसा नहीं है. इस वजह से ओबीसी वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पा रही है।
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