इंदौर। कल एक कार्यक्रम में इन्दौर आए वित्त राज्यमंत्री कोरोना के कारण कार्यक्रम में बहुत ही कम संख्या में व्यापारियों और उद्योगपति संगठन के प्रतिनिधियों से मिले। मंत्री ठाकुर ने पहले ही स्थानीय नेताओं से कह दिया था कि कोविड का समय है, इसलिए ज्यादा भीड़ न करें। इसलिए आमंत्रण पत्र की व्यवस्था रखी गई। वहीं कई पदाधिकारी बाहर ही खड़े रह गए और नाराज होकर लौट गए।
अगले साल केन्द्र सरकार का आम बजट पेश होना है। कोरोना काल के बाद पहली बार पेश हो रहे बजट को लेकर सरकार कई आर्थिक सुधार लागू करेगी, ऐसी संभावना है। कल वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर कंपनी सेके्रटरी के अधिवेशन में इन्दौर आए थे। इसको लेकर एक संस्था द्वारा कार्यक्रम रख लिया गया था। ठाकुर रेसीडेंसी के बजाय होटल रेडिसन में ठहरे और वहीं दोपहर में शहर के व्यापारिक संगठनों और उद्योगपतियों से बजट के सुझाव को लेकर एक कार्यक्रम रख लिया गया। यही नहीं, इस कार्यक्रम के लिए बाकायदा आमंत्रण पत्र छपवाए गए थे और उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया गया, जिनके पास कार्ड था। मंत्री ठाकुर ने पहले ही कह दिया था कि कोरोना का समय है, इसलिए बहुत ही कम संख्या में प्रतिनिधियों को बुलाया जाए और वे एक संगठन के एक ही व्यक्ति से बात करेंगे। संस्था ने अपने आमंत्रितों को बुलाया ही था, लेकिन भाजपा से जुड़े व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी कार्यक्रम में बुलवा लिया गया। दोपहर तक कार्यक्रम स्थल की जानकारी इसलिए नहीं दी गई कि कहीं वहां भीड़ न हो जाए। कई को तो जानकारी ही नहीं लगी और वे अपने सुझाव देने से वंचित रह गए। सांसद शंकर लालवानी का कहना था कि कोरोना के कारण भीड़ न हो, इसलिए ज्यादा लोगों को आमंत्रित नहीं किया गया। हमारा प्रयास था कि आम बजट में व्यापारियों की बात सरकार तक पहुंच जाए। बाद में बताया गया कि कार्यक्रम यंग इंडिया नामक एक संस्था ने रखा था। कुछ और संगठनों ने इसमें शामिल होने के लिए कहा था, इसलिए चुनिंदा लोगों को ही लालवानी की ओर से आमंत्रित किया गया।
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