उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) के लोकायुक्त पुलिस एसपी (Lokayukta Police SP) ने पीपलरावा नगर परिषद में हुई अनियमितताओं की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर लिया है। शिकायत कहती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत 70.22 लाख रुपये का भुगतान अन्य कार्यों के लिए किया गया है। इस मामले में अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। उज्जैन लोकायुक्त ऑफिस ने इसकी जांच कराई है।
मामला 2019 से 2020-21 के मध्य तक वहां पदस्थ रहे मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) केएनएस चौहान के कार्यकाल से जुड़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के खातों से फर्जी और अनियमित भुगतान कर निर्मल एंटरप्राइजेज को बार-बार भुगतान किया है। भुगतान के लिए प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया। भुगतान के बदले में कोई सामग्री भी हासिल नहीं की है। इस फर्जीवाड़े की वजह से 43 हितग्राहियों को 42.90 लाख रुपये की राशि की किस्त आवास के लिए प्रदान नहीं की जा सकी। नगर परिषद पीपलरावां के अधिकारी-कर्मचारियों ने शासकीय धनराशि का गबन, विश्वास का हनन किया तथा छल करते हुए संदिग्ध कार्यों पर राशि व्यय की।
जांच रिपोर्ट के अनुसार इस कार्य में परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज चौहान, तत्कालीन लेखापाल अशोक परमार, तत्कालीन स्टोर प्रभारी वकील मंसूरी तथा निर्मल एंटरप्राइजेज के बलराज तिवारी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल रहे हैं। मुख्यालय से अनुमोदन के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7, 13ए, 13(2) और आईपीसी की धारा 409, 420 और 120बी के तहत नगर परिषद पीपलरावां जिला देवास के तत्कालीन सीएमओ केएनएस चौहान, तत्कालीन अध्यक्ष मनोज चौहान, तत्कालीन लेखापाल अशोक परमार, तत्कालीन स्टोर प्रभारी वकील मंसूरी एवं निर्मल एंटरप्राइजेज के बलराज तिवारी को आरोपी मनाते हुए पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
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