पिता-पुत्र और दामाद पर 20 करोड़ रुपए के गबन का आरोप
डॉ. बदलानी खा गए कर्मचारियों के हक का पैसा
इंदौर। संस्था के सर्वोच्च पद पर रहे डॉ. रमेश बदलानी बेटे, दामादों के साथ करोड़ों रुपए खा गए। जब पुरानी कमेटी भंग हुई और नई कमेटी बनी तो पूरे मामले से पर्दा उठा। आरोप लगाया गया कि पुरानी कमेटी वाले कर्मचारियों को पीएफ, टीडीएस, प्रोफेशनल टैक्स जमा करने के बजाय अपनी जेब में डाल रहे थे। यही नहीं, बैंक से लोन और लोगों से करोड़ों रुपए उधार लेकर भी खा गए।
कनाडिय़ा टीआई राजीव भदौरिया ने बताया कि श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से सेवाकुंज अस्पताल, मॉडल डेंटल और मॉडल मेडिकल कॉलेज संचालित होता है। मार्च 2018 तक इसे पुरानी कमेटी चलाती थी, जिसका चेयरमैन डॉ. रमेश बदलानी निवासी आनंदा कॉलोनी मालवीय पेट्रोल पंप के पीछे था। पदाधिकारियों में दामाद राजेश नवलानी निवासी रीगल पैलेस रेसकोर्स रोड शामिल है, जिस पर आरोप है कि वह लोगों से रुपए इकट्ठा करता था। किसी को एडमिशन का झांसा देकर तो किसी को अन्य तरीके से। वहीं छोटा दामाद मनीष खटवानी सेक्रेटरी था। बेटा मोहित भी पदाधिकारी था। उक्त कमेटी भंग हुई तो नई कमेटी बनी। नई कमेटी ने लेखा-जोखा को ब्योरा देखा तो पुरानी कमेटी द्वारा की गई कई अनियमितताएं मिलीं। कमेटी में शामिल लोग सेवा मार्ग से भटककर खुद की जेब भरने में लग गए। इसकी शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के दफ्तरों में की गई। कई दिनों तक जांच जारी रही। इसके बाद डॉक्टर अशोक अग्रवाल निवासी सेवांकुज अस्पताल की शिकायत पर पुरानी कमेटी के डॉ. रमेश बदलानी सहित दोनों दामाद और बेटे के खिलाफ साजिशन जालसाजी का मामला दर्ज किया गया। इन लोगों ने अस्पताल के कर्मचारियों के पीएफ, टीडीएस, प्रोफेशनल टैक्स संबंधित विभाग में जमा नहीं कराए और उन रुपयों का गबन कर दिया। अभी तक कागजों में गबन का आंकड़ा करीब डेढ़ से पौने दो करोड़ का सामने आया है, लेकिन आंकड़ा इससे ज्यादा हो सकता है। डॉ. अग्रवाल का आरोप है कि डेंटल कॉलेज में तो इन लोगों ने करोड़ों का लोन ले लिया है, जिसका ऑडिट भी एसडीएम करवा चुके हैं। यहां की भी शिकायत की जांच में 12 करोड़ की धांधली सामने आएगी। इनकम टैक्स भी बकाया है। उक्त मामले की जांच जारी है। आने वाले समय में इन पर कार्रवाई होगी।
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