जबलपुर। सरकारी कर्मचारियों की भर्तियों में गड़बडिय़ों के खुलासों के बीच अब खबर है कि पश्चिम मध्य रेलवे की ट्रैकमेन भर्ती भी गड़बड़ी का शिकार हो गयी है। रेलवे ने इस अनियमितता को सार्वजनिक तो नहीं किया है,लेकिन अंदरूनी तौर पर जांच शुरु कर दी है। रेलवे बोर्ड ने हाल ही एक अधिसूचना जारी की है। जिसमें बोर्ड ने माना कि टैकमैन भर्ती में कुछ उम्मीदवारों के दस्तावेज जाली पाए गए हैं। हालाकि, ये उजागर नहीं किया गया है कि ये फर्जी दस्तावेज कौन से थे,लेकिन रेलवे ने गोपनीय स्तर पर जांच अवश्य शुरु की है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम मध्य रेलवे में बड़ी संख्या में टै्रकमेन भर्ती किए गये हैं और रेलवे ने कहा था कि पूरी भर्ती निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गयी है,लेकिन अब सवाल उठने के बाद अधिकारियों न चुप्पी साध ली है।
गोपनीय जांच क्यों
ट्रैकमेन की भर्ती में रेलवे द्वारा गोपनीय जांच का दावा किया जा रहा है। सवाल ये है कि आखिर गोपनीय जांच की जरूरत क्या है। जिस तरह से सार्वजनिक रूप से भर्ती की गयी है, उसी तरह से जांच भी होनी चाहिए। संभव है कि भर्तियों में गड़बडिय़ों का शिकार हुये दूसरे मामले भी सामने आ जाएं।
किस पर है संदेह
इधर, रेलवे के सूत्रों का दावा है कि ट्रैकमेन भर्ती में गड़बड़ी करने वाले रेलवे के ही लोग हैं इसलिए जांच को आगे बढ़ाने में हीलाहवाली बरती जा रही है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की गड़बडिय़ां सामने आ चुकी हैं,लेकिन जांच को दबा दिया गया। बताया गया है कि ट्रैकमेन की भर्ती में कई और स्तरों पर विसंगतियां सामने आ चुकी हैं,लेकिन अधिकारियों ने अपने स्तर पर मैनेज कर लिया है।
भर्ती कराने वाला गिरोह सक्रिय
रेलवे की सभी भर्तियों में दलालों के गिरोह के एक्टिव होने के प्रमाण पहले भी मिल चुके हैं और ताजा ट्रैकमेन भर्ती में भी यही बात सामने आ रही है। जल्दी ही रेलवे असिस्टेंट लोको पायलटों की भर्ती करने जा रहा है। नोटिफिकेशन आते ही दलालों का गिरोह सक्रिय हो चुका है। हालाकि, बोर्ड ने अपने कहा है कि यदि अब भर्ती में गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
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